विदेशी मुद्रा का फ्लो बढ़ाने के उपायों को RBI ने किया नोटिफाइड, रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने की है कवायद
Foreign Exchange Inflows: बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.
केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं.
केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं.
Foreign Exchange Inflows: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेश और बैंकों के विदेशी मुद्रा में कर्ज के लिए प्रावधानों में ढील देने को लेकर गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दी. यह रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने के लिए किए गए उपायों का हिस्सा हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट के बीच बुधवार को इन उपायों की घोषणा की गई. ऑथोराइज्ड डीलर कैटेगरी-1 बैंक के इंटरनेशनल मार्केट्स से विदेशी मुद्रा उधारी पर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.
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विदेशी मुद्रा में कर्ज लेने की सुविधा मिलने की उम्मीद
खबर के मुताबिक, फिलहाल बैंक अंतरराष्ट्रीय बाजार से विदेशी मुद्रा में उधार (ओएफसीबी) अपनी टियर-1 यानी शेयर पूंजी का 100 प्रतिशत या एक करोड़ डॉलर, जो भी ज्यादा हो, तक ले सकते हैं. इस प्रकार उधार ली गई धनराशि का इस्तेमाल एक्सपोर्ट को छोड़कर विदेशी मुद्रा में उधार देने के लिए नहीं किया जा सकता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि इस उपाय से कर्ज लेने वाले उस बड़े तबके को विदेशी मुद्रा में कर्ज (Loan in Forex) लेने की सुविधा मिलने की उम्मीद है, जिनके लिए सीधे विदेशी बाजारों तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है.
बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी
केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं. इसके तहत एफपीआई के 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉन्ड में किए गए निवेश की मेच्योरिटी या ऐसे निवेशों की बिक्री तक अल्पकालिक निवेश की सीमा से छूट दी जाएगी.
एफपीआई के कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश के लिए भी छूट
फिलहाल एफपीआई का सरकारी प्रतिभूतियों (ट्रेजरी बिल और राज्य विकास ऋण सहित केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों) और कॉरपोरेट बॉन्ड में अल्पकालिक निवेश किसी भी कैटेगरी में उस एफपीआई के कुल निवेश के 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. एफपीआई के कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश के लिए भी छूट प्रदान की गई है और वे अब एक साल से कम अवधि के लिए भी ऐसे प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं.
10:49 PM IST