US Fed के फैसले का असर अगली RBI पॉलिसी पर क्या होगा? जानिए मार्केट गुरु अनिल सिंघवी की राय
यूएस फेड आगे दरें बढ़ा सकता है. फेड के फैसले के बाद अब भारतीय रिजर्व (RBI) अगली पॉलिसी में क्या कदम उठाता है, इस पर सभी की नजर रहेगी.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US FED) ने जून की पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरें नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. US FED की दरें बिना बदलाव के 5-5.25% की रेंज में है. इस बार की मीटिंग में FED के सभी 11 मेंबर्स दरें नहीं बढ़ाने के पक्ष में थे. इससे पहले, यूएस फेड लगातार 10 बार ब्याज दरें बढ़ा चुका है. हालांकि, यूएस फेड ने आगे दरें बढ़ाने के संकेत दिए हैं. फेड के फैसले के बाद अब भारतीय रिजर्व (RBI) अगली पॉलिसी में क्या कदम उठाता है इस पर सभी की नजर रहेगी.
जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का कहना है, अमेरिका जैसी चिंताएं हमारे यहां नहीं हैं. न तो महंगाई या और किसी तरह की चिंताएं हैं. इसलिए हम (भारत) और एशियाई देश अमेरिका के मुकाबले कम चिंतित रहेंगे. लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं या होने वाला नहीं है कि हमारे आरबीआई गवर्नर अमेरिका की अनदेखी कर कोई पॉलिसी बनाए.
उनका कहना है, पिछली बाद जब आरबीआई गवर्नर ने पॉलिसी जारी की थी, तो उन्हें नहीं मालूम था कि यूएस में दो ब्याज दरें बढ़ेंगी. इसलिए अगली पॉलिसी में आरबीआई गवर्नर अपना रुख सावधानी भरा रखेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आधा फीसदी ब्याज दरें अमेरिका को बढ़ानी है, तो पूरी दुनिया को उसके मुताबिक एडजस्ट करना होगा. ये आरबीआई गवर्नर पर निर्भर करेगा कि यूएस फेड के मुताबिक कब एडजस्ट होना है.
क्या होगा असर
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
अनिल सिंघवी का कहना है, यूएस फेड गवर्नर की जिस तरह की कमेंट्री है, उसका आने वाले समय में आरबीआई की पॉलिसी पर असर हो सकता है. यह असर ऐसे होगा कि अगर हमें ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद अक्टूबर तक थी, तो वो अब दिसंबर तक टल सकती है. ये असर हम पर होगा, ये तय है. ऐसा नहीं है कि अमेरिकी की पॉलिसी का असर दुनिया पर न पड़े. यानी, जब तक अमेरिका महंगाई कंट्रोल को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो जाता और पॉलिसी रूख हॉकिस बना हुआ है, जब तक भारत, चीन जैसे एशियाई देशों का रुख बहुत ज्यादा एग्रेसिव नहीं हो सकता है.
उनका कहना है, हमें थोड़ा सावधानी से चलना होगा. अमेरिकी बाजारों के मुताबिक भारतीय बाजारों का को-रिलेशन देखें, तो हमें एक-दो दिन देख लेना चाहिए. अगर अमेरिकी बाजार पूरी तरह तेजी के मूड में आते हैं, तो यह मानकर चलें कि क्लियरिटी आ गई और हमें पता है कितनी तेजी करनी है. अगर थोड़ा-सा ब्रेक लगता दिखे, तो समझें कि बाजार थोड़ा एडजस्ट कर रहे हैं. नियर टर्म में एक बार चल चुके हैं, तो यहां से हल्का करेक्शन लेकर तेजी करें. इसलिए एक-दो दिन में यह फैसला करेंगे कि आगे क्या करना है. आज की बाजार क्लोजिंग अहम है.
कैसा है यूएस फेड का रुख
यूएस फेड की ओर से जून पॉलिसी में ब्याज दरें नहीं बढ़ाने से थोड़ी राहत तो जरूर मिली है, लेकिन सेंट्रल बैंक ने आगे के लिए टेंशन दे दिया है. क्योंकि FED ने इस साल 2 बार दरें बढ़ने की उम्मीद जताई है. मीडियन रेट मौजूदा 5.1% से बढ़कर 5.6% होने का अनुमान है. हालांकि, आगे ब्याज दर बढ़ाना है या घटाना है इस पर फैसला आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा. लेकिन महंगाई का रिस्क अभी भी मंडरा रहा है. नतीजतन, सख्त क्रेडिट स्थिति का इकोनॉमी पर असर पड़ेगा.
FED चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि फिलहाल ब्याज दरों में कटौती घटाने की कोई संभावना नहीं है. रेट्स बढ़ने का पूरा प्रभाव अभी आना बाकी है. सभी FOMC मेंबर्स में सहमति से आगे और दरें बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि महंगाई का दबाव अभी भी बना हुआ है. कोर इन्फ्लेशन का आंकड़ा पिछले कुछ महीनों से अड़ियल है. दरों में कटौती के लिए साल भर का समय बाकी है. जबतक महंगाई नीचे नहीं आती तब तक दरों में कटौती की उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि महंगाई घटने में और समय लगेगा. बता दें, रिजर्व बैंक भी अपनी पिछली दो पॉलिसी में ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखा है.
⚡️#EditorsTake
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 15, 2023
फेड पॉलिसी का असर अगली RBI पॉलिसी पर होगा?
Fed Policy के बाद हमारे लिए क्या संकेत?
अगली पॉलिसी में कैसा होगा RBI गवर्नर का रुख?
जानिए @AnilSinghvi_ से...#FederalReserve #fedpolicy #rbipolicy #RBIgovernor pic.twitter.com/1DwYz3sc4Y
10:22 AM IST