Kharif sowing season: चावल उगाने वाले क्षेत्र में 36 फीसदी कम हुई बारिश, खरीफ की कुछ फसलों की बुवाई घटी
Kharif sowing season: कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सत्र में 8 जुलाई तक वाणिज्यिक फसलों - गन्ना, कपास, और जूट का रकबा करीब एक प्रतिशत कम था.प्रमुख फसलों की बुवाई में कमी की भरपाई के लिए जुलाई में बारिश महत्वपूर्ण है.
आईएमडी ने इस साल सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है. (Reuters)
आईएमडी ने इस साल सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है. (Reuters)
Kharif Sowing Season: देश के कुछ हिस्सों में मानसून की (Monsoon Rains) बारिश में देरी के कारण चालू खरीफ सत्र में अब तक धान की बुवाई (Paddy Sowing) का रकबा 24 फीसदी घटकर 72.24 लाख हेक्टेयर रह गया है. इस तरह तिलहन का रकबा 20 प्रतिशत घटकर 77.80 लाख हेक्टेयर है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली. फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) की समान अवधि में 95 लाख हेक्टेयर में धान और 97.56 लाख हेक्टेयर में तिलहन बोया गया था. खरीफ फसलों की बुवाई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून आने के साथ साथ शुरू होती है. धान खरीफ की प्रमुख फसल है.
इस साल सामान्य मानसून का अनुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है और इस साल एक जून से छह जुलाई के बीच कुल वर्षा ‘सामान्य के करीब’ थी. हालांकि, इस दौरान मध्य भारत में वर्षा में 10 प्रतिशत और देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में दो प्रतिशत कम थी.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
चावल उगाने वाले क्षेत्र में 36 प्रतिशत कम बारिश
मौसम विभाग के ताजा अनुमानों के मुताबिक छह जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान पूर्व और उत्तर-पूर्वी भारत के प्रमुख चावल उगाने वाले क्षेत्र में बारिश की कमी 36 प्रतिशत तक थी. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सत्र में आठ जुलाई तक वाणिज्यिक फसलों - गन्ना, कपास, और जूट का रकबा करीब एक प्रतिशत कम था.
चालू खरीफ सीजन में आठ जुलाई तक दालों का रकबा एक प्रतिशत बढ़कर 46.55 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 46.10 लाख हेक्टेयर था. हालांकि, अरहर और उड़द का रकबा घट गया.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
बुवाई में कमी की भरपाई के लिए जुलाई में बारिश जरूरी
तिलहनों में, सोयाबीन का रकबा 21.74 प्रतिशत घटकर 54.43 लाख हेक्टेयर रह गया, जबकि मूंगफली का रकबा 19 प्रतिशत घटकर 20.51 लाख हेक्टेयर रह गया.
चालू सत्र में अब तक कुल मोटे अनाज का रकबा मामूली बढ़कर 65.31 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 64.36 लाख हेक्टेयर था. विशेषज्ञों ने कहा कि प्रमुख फसलों की बुवाई में कमी की भरपाई के लिए जुलाई में बारिश महत्वपूर्ण है.
12:37 PM IST