21 साल में पहली बार घट गई Fuel की खपत, FY2021 में जानें पेट्रोल-डीजल का हाल
Fuel Consumption in India FY2021: वर्ष 1998-99 के बाद पहली बार पेट्रोलियम की खपत गिरी है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान डीजल की खपत 12 प्रतिशत घटकर 7.27 करोड़ टन और पेट्रोल की 6.7 प्रतिशत घटकर 2.79 करोड़ टन रही.
विमान ईंधन की खपत में 53.6 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई और यह 37 लाख टन रहा. (PTI)
विमान ईंधन की खपत में 53.6 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई और यह 37 लाख टन रहा. (PTI)
Fuel Consumption in India FY2021: देश में ईंधन (Fuel) खपत में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 9.1 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. दो दशक से ज्यादा समय में पहली बार ऐसा हुआ है जब सालाना आधार पर ईंधन की खपत गिरी है. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी पर अंकुश पाने के लिये कड़ा लॉकडाउन लगाया गया था. पीटीआई की खबर के मुताबिक, शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ट (PPAC) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019- 20 में देश में 21.41 करोड़ टन पेट्रोलियम पदार्थों की खपत हुई. 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2020-21 में 19 करोड़ 46 लाख टन खपत हुई.
विमान ईंधन की खपत में जबर्दस्त गिरावट (Substantial drop in aircraft fuel consumption)
खबर के मुताबिक, वर्ष 1998-99 के बाद पहली बार पेट्रोलियम की खपत गिरी है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान डीजल की खपत 12 प्रतिशत घटकर 7.27 करोड़ टन और पेट्रोल की 6.7 प्रतिशत घटकर 2.79 करोड़ टन रही. विमान ईंधन की खपत में 53.6 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई और यह 37 लाख टन रहा. नाफ्था की बिक्री 1.42 करोड़ टन के साथ करीब करीब एक साल पहले के बराबर ही रही. सड़क निर्माण तेज होने से अलकतरा की बिक्री 6 प्रतिशत बढ़कर 71.1 लाख टन पर पहुंच गयी.
घरेलू एलपीजी की खपत में तेजी (Domestic LPG consumption accelerates)
पिछले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू एलपीजी ही आम जरूरत का ऐसा पेट्रोलियम उत्पाद रहा जिसकी खपत में वृद्धि दर्ज की गई. वर्ष के दौरान इसकी खपत 4.7 प्रतिशत बढ़कर 2.76 करोड़ टन तक पहुंच गई. इससे पिछले वित्त वर्ष 2019- 20 में यह 2.63 करोड़ टन रही थी. गरीब परिवारों को मुफ्त सिलेंडर दिये जाने से घरेलू एलपीजी की खपत बढ़ी है. सरकार ने पिछले साल अप्रैल- मई के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन लगा दिया था. लॉकडाउन के कारण कारखानों में कारोबार बंद हो गया. व्यापार और सड़क परिवहन भी थम गया था. रेलगाड़ियां, विमान सेवायें सब बंद कर दी गई थीं. उसके बाद जून से लॉकडाउन को विभिन्न चरणाों में उठाना शुरू किया गया.
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जीडीपी का अनुमान (GDP estimate)
पिछले वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7 से 8 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है. हालांकि, वर्ष की आखिरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में अच्छा सुधार देखा गया. लेकिन वर्षांत होते होते कोविड- 19 की दूसरी लहर शुरू होने से कुछ राज्यों में फिर से लॉकडाउन लगाया जाने लगा है. इससे आर्थिक गतिविधियों में आने वाले सुधार के समक्ष फिर से चुनौती खड़ी होने लगी है.
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08:13 PM IST