गेहूं, आटे की कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब 200 टन के लिए बोली लगा सकेंगे थोक खरीदार
Wheat Auction: सरकार ने गेहूं (Wheat Price) और गेहूं के आटे (Wheat Flour Price) की कीमतों को अधिक स्थिर करने के लिए 1 नवंबर से केंद्रीय पूल से दिए जाने वाले गेहूं के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) OMSS (D) के तहत बोली की मात्रा बढ़ाकर 200 टन कर दी.
(Image- Pexels)
(Image- Pexels)
Wheat Auction: सरकार ने गेहूं (Wheat Price) और गेहूं के आटे (Wheat Flour Price) की कीमतों को अधिक स्थिर करने के लिए 1 नवंबर से केंद्रीय पूल से दिए जाने वाले गेहूं के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) OMSS (D) के तहत बोली की मात्रा बढ़ाकर 200 टन कर दी. पूरे भारत में प्रति ई-नीलामी की कुल मात्रा को 2 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है.
घरेलू बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए, आटा मिलर्स और छोटे व्यापारियों जैसे थोक खरीदार ई-नीलामी में 200 टन के लिए बोली लगा सकेंगे, जबकि फिलहाल ओएमएसएस के तहत यह मात्रा 100 टन है. खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से गेहूं बेच रही है.
ये भी पढ़ें- प्राकृतिक खेती के हैं ये 6 बड़े फायदे, बंपर उत्पादन के साथ तगड़ी कमाई
गेहूं की कीमतों को स्थिर करना मकसद
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
बयान में कहा गया है कि देश में प्रत्येक ई-नीलामी में पेश की जाने वाली कुल मात्रा भी 2 लाख टन से बढ़ाकर 3 लाख टन कर दी गई है. बोली मात्रा में बढ़ोतरी का उद्देश्य खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता को बढ़ाना और गेहूं की कीमतों को स्थिर करना है.
गेहूं और चावल की बिक्री
सरकारी उपक्रम एफसीआई इन वस्तुओं की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए वीकली ई-नीलामी के माध्यम से 28 जून से OMSS के तहत आटा मिलर्स और छोटे व्यापारियों जैसे थोक खरीदारों को केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल बेच रही है. 26 अक्टूबर को ई-नीलामी के 18वें दौर में 2,318 सफल बोलीदाताओं को लगभग 1.92 लाख टन गेहूं बेचा गया.
देश भर के 444 डिपो से लगभग 2.01 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए पेश किया गया था. ई-नीलामी में 2,763 सूचीबद्ध खरीदारों ने भाग लिया. मंत्रालय ने कहा कि स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए कारोबारियों को ओएमएसएस (OMSS) के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है.
FAQ गेहूं के लिए भारित औसत विक्रय मूल्य रु. 2251.57/क्विंटल जबकि आरक्षित मूल्य पूरे भारत में 2150/क्विंटल था जबकि, URS गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य, आरक्षित मूल्य 2125/क्विंटल के मुकाबले 2317.85/क्विंटल था.
ये भी पढ़ें- अच्छी फसल है पाना तो इसे जरूर अपनाएं किसान, मिलेगी बेहतर उपज
स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए व्यापारियों को OMMS (D) के तहत गेहूं की बिक्री से बाहर रखा गया है और ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसरों की आटा मिलों पर नियमित जांच/निरीक्षण भी किया जा रहा है. 26 अक्टूबर तक देशभर में 1627 जांच किए जा चुके हैं.
09:40 PM IST