Dollar vs Rupees: सप्ताह के आखिरी दिन शेयर बाजार रहा शांत, रुपए में आई 26 पैसे की गिरावट
Dollar vs Rupees: आज सेंसेक्स महज 37 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ. डॉलर के मुकाबले रुपए में 26 पैसे की गिरावट दर्ज की गई. इधर अगस्त महीने में अमेरिकी में बेरोजगारी दर बढ़कर 3.7 फीसदी पर पहुंच गई.
Dollar vs Rupees: सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में शेयर बाजार स्थिर रहा, जबकि रुपए में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. आज डॉलर के मुकाबले रुपया (Rupees against Dollar) 26 पैसे की गिरावट के साथ 79.82 के स्तर पर बंद हुआ. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.63 पर खुला और दिन में कारोबार के दौरान 79.61 और 79.83 के के दायरे में रहा. गुरुवार को रुपया 79.56 प्रति डॉलर था. डॉलर इंडेक्स इस समय 0.44 फीसदी की गिरावट के साथ 109.20 के स्तर पर है. यह इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले रुपए की मजबूती को बतलाता है.
एक रेंज में रहेगा रुपया
कोटक सिक्यॉरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट, करेंसी डेरिवेटिव्स, अनिंद्य बनर्जी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत कम है, लेकिन डॉलर इंडेक्स हाई है. ऐसे में शॉर्ट टर्म में रुपया एक रेंज में रहने की उम्मीद है. नियर टर्म में यह 79.20-79.85 के दायरे में रहेगा. अमेरिकी पेरोल डेटा पर सबकी निगाहें हैं. अगस्त महीने में अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 3.7 फीसदी पर पहुंच गई. लेबर डिपार्टमेंट की तरफ से यह जानकारी दी गई है. अगस्त के महीने में कंपनियों ने 3.15 लाख नौकरी दी. जुलाई में 5.26 लाख रोजगार पैदा हुए थे. 5 सितंबर को ओपेक प्लस देशों की क्रूड ऑयल प्रोडक्शन को लेकर अहम बैठक होने वाली है.
फ्लैट रहा शेयर बाजार
इधर घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को उतार-चढ़ाव के बीच बीएसई सेंसेक्स लगभग 37 अंक की बढ़त में रहा. वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख के साथ बाजार लगभग स्थिर बंद हुआ. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 37 अंक की बढ़त के साथ 58803 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान ऊंचे में यह 59108 अंक तक गया और नीचे में 58558 अंक तक आया. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में लाभ रहा.
ग्लोबल मार्केट पर बिकवाली का दबाव
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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार आज मजबूत दिशा को लेकर संघर्ष करता दिखा. अमेरिका में रोजगार के आंकड़े जारी होने से पहले वैश्विक बाजारों में बिकवाली दबाव रहा. रोजगार आंकड़ों से फेडरल रिजर्व के कदम के बारे में महत्वपूर्ण संकेत मिलेगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और सहयोगी देशों की बैठक से पहले कच्चे तेल के दाम में तेजी रही. ऐसी आशंका है कि वैश्विक स्तर पर कमजोर वृद्धि को लेकर चिंता के बावजूद ओपेक और सहयोगी देश उत्पादन बढ़ाने का निर्णय कर सकते हैं.’’
07:31 PM IST