कामथ कमिटी की सिफारिशों पर अनिल सिंघवी की राय, कहा- अभी करो थोड़ा इंतजार
ज़ी बिज़नेस कै मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, कामथ कमिटी की रिपोर्ट को जैसा देखना चाहें देख सकते हैं. निगेटिव और पॉजिटिव दोनों साइड नजर आती हैं.
अनिल सिंघवी के मुताबिक, रिपोर्ट को निगेटिव-पॉजिटिव नहीं बल्कि न्यूट्रल देख रहा हूं.
अनिल सिंघवी के मुताबिक, रिपोर्ट को निगेटिव-पॉजिटिव नहीं बल्कि न्यूट्रल देख रहा हूं.
इकोनॉमी के हालात को लेकर चिंता बनी हुई है. भारत-चीन सीमा विवाद भी इसका एक बड़ा ट्रिगर है. विदेशी निवेशक इस पर नजर बनाए हुए हैं. रक्षा मंत्रालय के बयान पर सबकी नजरें टिकी हैं. निवेशकों के लिए यह एक बड़ा ट्रिगर है. लेकिन, जो बाकी ट्रिगर्स हैं, उससे सेंटीमेंट और ट्रेंड पर क्या फर्क पड़ सकता है? कामथ कमिटी (K V Kamath Committee) की रिपोर्ट आई है, उसमें सारे सेक्टर्स कवर हो रहे हैं. IPO को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. ओवरऑल सेटअप देखें तो मार्केट पर क्या असर पड़ सकता है?
ज़ी बिज़नेस कै मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, कामथ कमिटी की रिपोर्ट को जैसा देखना चाहें देख सकते हैं. निगेटिव और पॉजिटिव दोनों साइड नजर आती हैं. अगर 25 से ज्यादा सेक्टर उन्होंने रखें हैं, जहां रिस्ट्रक्चरिंग की जरूरत है तो बचा क्या? फिर तो पूरी इंडस्ट्री, पूरी GDP को रिस्ट्रक्चरिंग की जरूरत है. अगर रिस्ट्रक्चरिंग की जरूरत है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इकोनॉमी का हाल क्या है. ये रिपोर्ट की निगेटिव साइड दिखाता है. पॉजिटिव साइड ये है कि अगर रिस्ट्रक्चरिंग होगी तो बैंकों के NPA कम होंगे. लोगों को भी राहत मिलेगी.
के वी कामथ कमिटी ने कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग पर RBI को सौंपी अपनी रिपोर्ट...
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 8, 2020
अनिल सिंघवी- कामथ कमिटी की सिफारिशों को निगेटिव और पॉजिटिव दोनों नजरिए से देखा जा सकता है...अभी इंतजार करना ही बेहतर#EditorsTake #RBI #LoanRestructuring @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/xrID7nj2H4
अनिल सिंघवी की राय
अनिल सिंघवी के मुताबिक, रिपोर्ट को निगेटिव-पॉजिटिव नहीं बल्कि न्यूट्रल देख रहा हूं. आरबीआई ने भले ही रिपोर्ट मंजूर की है. लेकिन, कब-क्या और कैसे होगा यह देखना अभी बाकी है. किस लेवल तक की रिस्ट्रक्चरिंग की जाएगी. कब तक होगी. किस तरह के लोन पर होगी. जब तक फाइन डिटेल्स नहीं होंगी. यह अंदाजा लगाना मुश्किल होगा कि क्या होने वाला है. ऐसे में सभी सेक्टर्स के लिए अच्छा है कि रिस्ट्रक्चरिंग में जाएंगे. सभी बैंकों के लिए भी अच्छा है.
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सबसे अच्छे सेक्टर्स
अनिल सिंघवी के मुताबिक, अभी जो सबसे अच्छे काम करने वाले सेक्टर्स हैं, मसलन केमिकल सेक्टर्स, फार्मा जहां बहुत अच्छा बिजनेस है. कोरोना काल में इन दो सेक्टर में अच्छी ग्रोथ रही है. लेकिन, रिपोर्ट में इन सेक्टर्स को भी रिस्ट्रक्चरिंग के लिए रखा है. ऐसे में साफ है कि उन्होंने किसी सेक्टर को छोड़ा ही नहीं है. हर सेक्टर में अच्छी और खराब कंपनियां मिलेंगी. लेकिन, अगर सभी सेक्टर्स को शामिल किया गया है तो साफ है कि इकोनॉमी की हालत ज्यादा खराब है.
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इंतजार करना की सलाह
अनिल सिंघवी के मुताबिक, मेरे लिए यह बिल्कुल न्यूट्रल है. कामथ कमिटी की सिफारिशों को लेकर बेचैन होने की जरूरत नहीं है. इंतजार करना चाहिए. क्योंकि, आज रिस्ट्रक्चरिंग नहीं हो रही है. कितने सेक्टर्स को इसका फायदा मिलेगा. कितनी कंपनियां इसमें शामिल की जाएंगी. बैंक का स्ट्रक्चर क्या होगा. यह अभी लंबा रास्ता है. डीटेल्स आने का इंतजार करना चाहिए. बता दें, RBI ने के वी कामथ कमिटी के फाइनेंशियल पैरामीटर्स को मंजूरी दी है. कमेटी ने 25 सेक्टर्स के लिए सिफारिश दी है. इसमें लिक्विडिटी, कर्ज और सर्विसेबिलिटी जैसे पैरामीटर्स हैं.
10:40 AM IST