क्या है PM PRANAM योजना? PM Modi ने आज Cooperative Program में किया इसका जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस (Indian Cooperative Congress) कार्यक्रम को संबोधित किया.
केंद्र सरकार किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र पर हर साल 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है. (Image- ANI)
केंद्र सरकार किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र पर हर साल 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है. (Image- ANI)
PM PRANAM: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस (Indian Cooperative Congress) कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र पर हर साल 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है. उन्होंने कहा, हाल में ही एक बहुत बड़ी योजना 'पीएम प्रणाम' (PM-PRANAM) को मंजूरी दी गई है. इसका लक्ष्य ये है कि ज्यादा से ज्यादा किसान केमिकल मुक्त खेती अपनाएं. इसके तहत ऑर्गेनिक खाद्य उत्पादन पर बल दिया जाएगा. इससे मिट्टी भी सुरक्षित होगी और किसानों की लागत भी कम होगी. इसमें सहकारिता से जुड़े संगठनों का योगदान बहुत अहम है.
क्या है PM PRANAM योजना
PM PRANAM का मतलब है प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिएंट्स फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना (Promotion of Alternate Nutrients for Agriculture Management Yojana) है. यह एक मास्टर प्रोग्राम है जिसका मकसद धरती की उपजाऊ क्षमता को बेहतर करना और मिट्टी में पोषण को फिर से स्थापित करना है. इस योजना के तहत प्राकृतिक, जैविक खेती, वैकल्पिक फर्टिलाइजर, नैनो फर्टिलाइजर और जैव फर्टिलाइजर को खेती में प्रमोट किया जाएगा.
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क्या कहा पीएम मोदी ने
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न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों के लिए सरकार की पहल पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं वादों के बारे में नहीं, बल्कि केवल वही बता रहा हूं जो मैंने किसानों के लिए किया है. किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत मिले इसको लेकर हमारी सरकार शुरू से गंभीर रही है. पिछले 9 साल में MSP को बढ़ाकर, MSP पर खरीद कर 15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों को दिए गए हैं. 9 साल में चीनी मिलों से 70,000 करोड़ रुपये का एथेनॉल खरीदा गया है.
ऑपरेटिव को कॉरपोरेट जैसी सुविधा
सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है. सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है. हमारी सरकार ने सहकारी बैंक को भी मजबूती दी है. सहकारी बैंक के लिए नियमों को आसान बनाया गया है. जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई तो हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया. हमने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया और अलग बजट का प्रावधान किया. आज सहकारिता को वैसी ही सुविधाएं और वैसा ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है जैसा कॉर्पोरेट को मिलता है.
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आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है. मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी का प्रयास आवश्यक है और सहकार की भावना भी तो सभी के प्रयास का ही संदेश देती है.
खाद्य तेल में हो जाएंगे आत्मनिर्भर
केंद्र सरकार ने एक मिशन, पाम ऑयल (Palm Oil) शुरू किया है. उसी प्रकार से तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में फैसले लिए जा रहे हैं. देश की सहकारिता संस्थाएं इस मिशन की बागडोर थाम लेगी तो आप देखिएगा कितनी जल्दी हम खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे. खाद्य तेल, दालों का आयात कम करने की जरूरत, भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहकारी समितियां प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं.
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अमृत काल में देश के गांव और किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के सहकारिता विभाग की भूमिका बहुत बढ़ने वाली है. सरकार और सहकार मिलकर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को डबल मजबूती देंगे.
करोड़ों छोटे किसानों को मिली PM Kisan सम्मान निधि
2014 से पहले के 5 वर्षों के कुल कृषि बजट को मिला दें तो वो 90 हजार करोड़ रुपए से कम था. इसका मतलब तब देश भर के कृषि व्यवस्था पर जितना खर्च हुआ उसका लगभग 3 गुणा हम सिर्फ एक योजना 'PM किसान सम्मान निधि' (PM Kisan Samman Nidhi) पर खर्च कर चुके हैं.
2014 से पहले किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी मदद मिलती थी वो बिचौलियों के जेब में जाती थी. सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे मझोले किसान वंचित ही रहते थे. पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है. आज करोड़ों छोटे किसानों को PM किसान सम्मान निधि मिल रही है.
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04:11 PM IST