बिहार सरकार ने किसानों के लिए बड़ी पहल की है. राज्य में तिल, तीसी और मोटे अनाज के बीज की कमी जल्द पूरा होगी. बीज उत्पादन में बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की कवायद चल रही है. कृषि विभाग के फार्म पर इन फसलों का फाउंडेशन बीज तैयार किया जाएगा. इसके अलावा खरीफ, गरमा और रबी की अन्य फसलों के बीज का भी उत्पादन किया जाएगा. (Image- Pexels)
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यहां तैयार किए जाएंगे बीज
राज्य के 237 कृषि फार्म पर अलग-अलग फसलों का फाउंडेशन बीज तैयार किए जा रहे हैं. इसमें 230 अनुमंडल बीज गुणन क्षेत्र और सात जिला स्तरीय कृषि फार्म हैं. खरीफ, रबी और गरमा की ज्यादातर फसलों की खेती कर उन्नत किस्म के बीज उपजाए जाएंगे. इसके लिए सरकार ने 14.91 लाख रुपये जारी कर दिए हैं. (Image- Pexels)
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फसल उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
इस बार तिल, तीसी और मोटे अनाज के बीज पर ध्यान दिया गया है. सोयाबीन, मडुआ, सांवा के साथ ही बाजरा फाउंडेशन बीज भी तैयार किए जाएंगे. इसके उपयोग से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. किसानों को बीज आसानी से मिल जाएंगे. (Image- Pexels)
बिहार सरकार में जैविक खेती पर भी फोकस कर रही है. राज्य के कृषि फार्म में जैविक बीज का उत्पादन किया जाएगा. बीज उत्पादन में गुणवत्ता और लक्ष्य का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इसी तरह मोटे अनाज के लिए दक्षिण बिहार के कृषि फार्म का चयन किया गया है. (Image- Pexels)
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बाहर के बीज पर है निर्भरता
अभी राज्य के बाहर से और निजी कंपनियां बीज पर निर्भर रहना पड़ता है. मोटे अनाज, दलहन और तिलहन की बीज की भारी कमी रहती है. धान, गेहूं और अन्य फसलों के प्रमाणित बीज की बहुत किल्लत है. इसी को देखते हुए सरकार ने चौथे कृषि रोड मैप में बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा है.
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