एक साल से इन 7 एग्री कमोडिटीज में नहीं हो रही ट्रेडिंग, CPAI ने सेबी से वायदा कारोबार शुरू करने की लगाई गुहार
Agricultural Derivatives Contracts: बता दें कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए Sebi ने 20 दिसंबर, 2021 को सोयाबीन, सरसों, चना, गेहूं, धान, मूंग और कच्चे पाम तेल के नए डेरिवेटिव अनुबंध जारी करने से एक्सचेंजों को रोक दिया था. ये निर्देश एक साल के लिए लागू किए गए थे.
CPAI ने बैन भारतीय कमोडिटी मार्केट इकोसिस्टम के लिए हानिकारक है. (File Photo)
CPAI ने बैन भारतीय कमोडिटी मार्केट इकोसिस्टम के लिए हानिकारक है. (File Photo)
Agricultural Derivatives Contracts: कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CPAI) ने सरकार और मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) से क्रूड पाम ऑयल (Crude Palm Oil) और गेहूं (Wheat) समेत 7 एग्रीकल्चरल डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स ट्रेडिंग दोबारा शुरू करने की अनुमति एक्सचेंजों को देने का आग्रह किया है. आपको बता दें कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने 20 दिसंबर, 2021 को सोयाबीन (Soyabean), सरसों (mustard seeds), चना (channa), गेहूं (wheat), धान (paddy), मूंग (moong) और कच्चे पाम तेल (crude palm oil) के नए डेरिवेटिव अनुबंध जारी करने से एक्सचेंजों को रोक दिया था. ये निर्देश एक साल के लिए लागू किए गए थे.
बैन भारतीय कमोडिटी मार्केट इकोसिस्टम के लिए हानिकारक
बैन खत्म होने का समय करीब आने पर CPAI ने वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और सेबी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि लंबे समय तक प्रतिबंध भारतीय कमोडिटी मार्केट इकोसिस्टम के लिए हानिकारक हैं और भारत में कारोबारी सुगमता का माहौल बनने की धारणा को गंभीर चोट पहुंचाता है.
ये भी पढ़ें- 12वीं पास इस शख्स ने 60 दिन का कोर्स कर कमा लिए ₹80 लाख, दिनोंदिन बढ़ रही कमाई, आप भी उठा सकते हैं फायदा
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सीपीएआई ने कहा, पिछले एक साल के दौरान इनमें से कुछ वस्तुओं की कीमत MSP से नीचे या उसके आसपास रही है और कई अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकला है कि कमोडिटी की कीमतें मुख्य रूप से आपूर्ति और मांग कारकों द्वारा नियंत्रित होती हैं और एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग का कीमत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
एसोसिएशन ने सुझाव दिया कि एग्री-कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट्स में वोलेटिलिटी के मामले में कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए बढ़ते मार्जिन और ओपन इंटरेस्ट लिमिट को कम करने जैसे आसानी से रिवर्सिबल विकल्प का सहारा लिया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- Business Idea: सिर्फ 3.55 लाख में शुरू करें ये धांसू बिजनेस, लाखों में होगी कमाई, आप भी ले सकते हैं आइडिया
सेबी दोबारा शुरू करे ट्रेडिंग
एसोसिएशन ने कहा है कि प्रतिबंध की एक वर्ष की अवधि 19 दिसंबर को समाप्त होने के बाद Sebi सभी कमोडिटी अनुबंधों में सामान्य ट्रेडिंग को दोबारा शुरू करने की अनुमति एक्सचेंजों को दे. परिस्थितियां यह कारोबार दोबारा शुरू होने के अनुकूल हैं.
ये भी पढ़ें- यहां के किसान आधी कीमत पर खरीद सकेंगे मशीनें, सरकार देगी 50% तक सब्सिडी, ऐसे उठाएं स्कीम का फायदा
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
(पीटीआई)
12:45 PM IST