‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत‘ के लिए मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक, GeM पर आया नया नियम
प्रोडक्ट के बारे में सभी जानकारी और प्रोडक्ट के मूल देश की जानकारी नहीं देने पर प्रोडक्ट को GeM प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया जाएगा.
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ाने के मकसद से सरकार ने बड़ा फैसला किया है.
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ाने के मकसद से सरकार ने बड़ा फैसला किया है.
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ाने के मकसद से सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर प्रोडक्ट रजिस्टर करने के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजन' बताना जरूरी होगा. सभी विक्रेताओं को अपने प्रोडक्ट के मूल देश (country of origin) की जानकारी देनी ही होगी. प्रोडक्ट के बारे में सभी जानकारी और प्रोडक्ट के मूल देश की जानकारी नहीं देने पर प्रोडक्ट को GeM प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया जाएगा.
अपडेट करनी होगी जानकारी
GeM के नए फीचर लागू होने से पहले जिन विक्रेताओं ने अपने प्रोडक्ट अपलोड किए हुए हैं, उनको भी मूल देश को अपडेट करना होगा. इसके लिए उन्हें लगातार रिमाइंडर भेजे जाएंगे. रिमाइंडर के बाद भी प्रोडक्ट पर जानकारी अपडेट नहीं करने पर प्रोडक्ट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा. सेलर्स को यह जानकारी देनी होगी कि सामान का निर्माण कहां पर हुआ है या उसका इंपोर्ट कहां से हुआ है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले Government e-Marketplace (GeM) ने 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है. GeM ने साथ ही यह संकेत देने का प्रावधान भी किया है कि प्रोडक्ट में स्थानीय सामग्री कितनी है. नए फीचर के बाद ई-मार्केट प्लेस पर रजिस्टर्ड हर सामान के आगे 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' के साथ-साथ स्थानीय सामग्री के प्रतिशत की जानकारी स्पष्ट तौर पर अंकित मिलेगी. इन सबसे अहम बात यह है कि अब पोर्टल पर 'Make in India' का फिल्टर काम करने लगा है. खरीदारों के पास अब कम-से-कम 50 फीसद स्थानीय सामग्री लगे उत्पादों को खरीदने का विकल्प होगा.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, GeM शुरुआत से ही 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है. मार्केट प्लेस से छोटे स्थानीय विक्रेताओं को सार्वजनिक खरीद में हिस्सा लेने का मंच मिला है. कोविड-19 के इस काल में जब सरकारी संगठनों को तात्कालिक तौर पर उत्पादों की जरूरत पड़ रही है, ऐसे वक्त में GeM सामान की सार्वजनिक खरीद के लिए बहुत प्रभावी, पारदर्शी और किफायती मंच साबित हो रहा है.
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कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत मिशन लॉन्च किया था. देश के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी होने पर जोर दिया था. साथ ही 'वोकल फॉर लोकल' का जिक्र किया था. अब चीन के साथ विवाद होने से चीनी सामानों का बॉयकोट करने के मकसद से देश को आगे ले जाने की जरूरत है. यही वजह है कि GeM में नए फीचर Country of Origin को जोड़ा गया है. इससे सरकार के साथ-साथ खरीदारों को भी प्रोडक्ट के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी.
लोकल का मतलब सिर्फ भारतीय नहीं
हालांकि, सरकार ने साफ किया था कि लोकल का मतलब सिर्फ भारतीय कंपिनयों के बनाए उत्पादों से नहीं है और इसके दायरे में देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बनाए उत्पाद भी हैं. देश की सबसे बड़ी बिस्किट कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स ने पारले-जी, हाइड ऐंड सीक जैसे कई बड़े ब्रैंड्स के लिए स्वदेशी थीम वाले विज्ञापन जारी किए हैं.
01:23 PM IST