होटल में ठहरना हो सकता है सस्ता, अगर सरकार ने मान ली इंडस्ट्री की यह डिमांड : रिपोर्ट
कमरे के किराये के हिसाब से होटल पर लगने वाली जीएसटी (GST) की दर बदल जाती है. 2,500-7,500 प्रति रात के किराये वाले कमरे पर 18 प्रतिशत एवं 7,500 रुपये से अधिक किराये वाले कमरे पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है.
सरकार को होटलों के लिए जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाना चाहिए. (Twitter)
सरकार को होटलों के लिए जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाना चाहिए. (Twitter)
पर्यटन (Tourism) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार को होटलों के लिए जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने एवं निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने जैसे कदम उठाने चाहिए. एक रपट में यह बात कही गयी है. रपट के मुताबिक पर्यटन क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को वृद्धि देने एवं रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं.
फिक्की एवं येस बैंक की 'इंडिया इनबाउंड टूरिज्मः अनलॉकिंग द अपॉर्च्यूनिटीज' शीर्षक रपट में कहा गया है कि भारतीय पर्यटन क्षेत्र के हर साल 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये के होने की संभावना है.
रपट में 14 कदम सुझाये गए हैं. इनमें राष्ट्रीय पर्यटन प्राधिकरण एवं परामर्श परिषद के सृजन, पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक जारी करना, राज्य स्तर पर बेहतर समन्वय एवं भूमि बैंक भंडार जैसे कदम शामिल हैं.
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आपके EPF में जमा होने वाले पैसों को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी... EPFO खत्म कर देगा ये लिमिट! मिलेगा ज्यादा फायदा
इस रपट में कहा गया है, 'कमरे के किराये के आधार पर होटल पर लगने वाली जीएसटी की दर बदल जाती है. 2,500-7,500 प्रति रात के किराये वाले कमरे पर 18 प्रतिशत एवं 7,500 रुपये से अधिक किराये वाले कमरे पर 28 प्रतिशत की जीएसटी लगता है.'
उसमें कहा गया है, 'इस तरह प्रीमियम/लग्जरी होटलों पर भारत में सबसे अधिक कर लगता है. यह न्यूयॉर्क, लंदन और पेरिस से भी ज्यादा है.' रपट में होटलों के लिए जीएसटी की अधिकतम सीमा को 18 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है.
04:30 PM IST