किरण मजूमदार शॉ ने ऑनलाइन दवाओं की बिक्री रोकने पर जताया एतराज
देश की सबसे बड़ी बायोफार्मेसी कंपनी बायोकॉन (Biocon) की संस्थापक और प्रबंधन निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने ई-फार्मेसी (e-Pharmacies) को बंद करने के फैसला को पीछे हटने वाला बताया है और कहा है कि ई-फार्मेसी ने दवा बाजार में पार्रदर्शी आएगी तथा मरीजों को उचित कीमतों पर दवाएं मिल सकेंगी.
किरण मजूमदार शॉ बायोकॉन की संस्थापक हैं.
किरण मजूमदार शॉ बायोकॉन की संस्थापक हैं.
देश की सबसे बड़ी बायोफार्मेसी कंपनी बायोकॉन (Biocon) की संस्थापक और प्रबंधन निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने ई-फार्मेसी (e-Pharmacies) को बंद करने के फैसला को पीछे हटने वाला बताया है और कहा है कि ई-फार्मेसी ने दवा बाजार में पार्रदर्शी आएगी तथा मरीजों को उचित कीमतों पर दवाएं मिल सकेंगी. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी थी. हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को लेकर नियम तैयार किए जाने तक के लिए इसकी ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई है. साथ ही केंद्र को निर्देश दिए हैं कि 31 जनवरी 2019 तक इसके लिए नियम तैयार करे, जो अभी मसौदे के स्तर पर है. इस फैसले के खिलाफ ऑनलाइन दवा विक्रेताओं ने ऊपरी अदालत में गुहार लगाई है. ऐसे में भारतीय फार्म उद्योग की प्रमुख शख्सियत किरण मजूमदार शॉ का समर्थन मिलने से वे उत्साहित हैं. हालांकि किरण मजूमदार शॉ ने कहा है कि ई-फार्मेसी के लिए नियम-कानून होने चाहिए.
उन्होंने एक ट्वीट करके कहा, 'ई-फार्मेसी को बंद करने का फैसला पीछे हटने वाला है. ऑनलाइन फार्मेसी से पारदर्शिता आएगी और मरीजों को कम कीमत देनी होगी, जो हॉस्पिटल और डॉक्टर द्वारा नहीं नहीं मिल पाती. हालांकि रेग्युलेशन के जरिए कठोर दंड का प्रावधान करके नकली दवाओं पर रोक लगानी चाहिए.'
इससे पहले 13 दिसंबर दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑनलाइन फार्मेसी द्वारा इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी थी. इन दवाओं में डॉक्टर के पर्चे पर लिखी गईं दवाएं भी शामिल हैं. कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, भारतीय फार्मेसी परिषद से जवाब भी मांगा है. डॉक्टर जहीर अहमद द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दवाओं की ऑनलाइन गैरकानूनी बिक्री से दवाओं के दुरुपयोग जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
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भारत में दवा का बाजार करीब 12 अरब डॉलर, करीब 840 अरब रुपये का है. इसमें ऑनलाइन दवाओं की बिक्री का कारोबार करीब 720 करोड़ रुपये का है. लगभग 3500 ऐसी वेबसाइट हैं जो ऑनलाइन दवाएं बेचती हैं. फिलहाल, ई-फार्मेसी को लेकर कोई नियम भी नहीं है. पूरे देश के केमिस्ट ई-फार्मेसी का विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
02:02 PM IST