EXCLUSIVE: बंद नहीं होंगी सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL, जल्द होगा रिवाइवल
प्लानिंग इस लिहाज से की जा रही है कि दोनों कंपनियों को वापस मुनाफे में लाया जा सके. केंद्र सरकार ने इसका इशारा पहले ही लोकसभा में दिया था.
दोनों कंपनी के रिवाइवल के लिए सचिवों की एक कमिटी गठित की गई है. (फोटो: PTI)
दोनों कंपनी के रिवाइवल के लिए सचिवों की एक कमिटी गठित की गई है. (फोटो: PTI)
सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL पर लगातार घाटे के चलते बंद होने का खतरा था, लेकिन अब यह संकट दूर होता दिख रहा है. सरकार दोनों टेलीकॉम कंपनियों के रिवाइवल प्लान पर काम कर रही है. प्लानिंग इस लिहाज से की जा रही है कि दोनों कंपनियों को वापस मुनाफे में लाया जा सके. केंद्र सरकार ने इसका इशारा पहले ही लोकसभा में दिया था.
अब दोनों कंपनी के रिवाइवल के लिए सचिवों की एक कमिटी गठित की गई है. जी बिजनेस को मिली सूत्रों से जानकारी के मुताबिक, सचिवों की कमिटी इस संबंध में 4 जुलाई को अहम बैठक भी करने जा रही है. बता दें, पिछले हफ्ते ही BSNL ने कहा था कि उनके पास जून की सैलरी देने के भी पैसे नहीं हैं.
4 मुख्य बिंदुओ पर होगी चर्चा
BSNL और MTNL के रिवाइवल पर सचिवों की कमिटी 4 मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेगी. सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में बीएसएनएल और एमटीएनएल के पास मौजूद परिसंपत्तियों की बिक्री पर चर्चा की जानी है. सूत्रों का कहना है कि कंपनियों में कैश क्रंच को देखते हुए वित्तीय सहायता और फंड मुहैया कराने के लिए लैंड मोनेटाइजेशन को भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. साथ ही दोनों कंपनियों के मर्जर पर भी विचार किया जा सकता है.
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कर्मचारियों को VRS, मर्जर पर भी विचार
सूत्रों के मुताबिक, BSNL और MTNL दोनों के पास बड़ी संख्या में कर्मचारी हैं. सरकार कर्मचारियों को VRS देने के विकल्प पर भी विचार कर रही है. इसके बाद ही मर्जर प्लान पर चर्चा हो सकती है. सरकार यह भी जानती है कि बीएसएनएल के रिवाइवल के लिए प्रतिस्पर्धी कंपनियों से ज्यादा फोकस करना होगा. दरअसल, 5G टेक्नोलॉजी में भारी लागत शामिल है. अगर 5जी के लिए कोई बोलीदाता नहीं मिलता है तो भविष्य में बीएसएनएल 5G सेवा देने वाला एकमात्र खिलाड़ी हो सकता है.
पीएम के लिए बड़ी चुनौती
बीएसएनएल और एमटीएनएल एक बुरे दौर से गुजर रहे हैं जिसमें नकदी की भारी कमी है. इस हद तक कि कुछ दिनों पहले बीएसएनएल ने खुले तौर पर कहा था कि उनके पास कर्मचारियों को जून का वेतन देने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. बीएसएनएल और एमटीएनएल का रिवाइवल पीएम मोदी के लिए बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि सरकार ने प्रक्रिया में तेजी लाने के संकेत दिए हैं.
घाटे में दोनों कंपनी
दोनों टेलीकॉम कंपनियां फिलहाल घाटे में चल रही हैं. बीएसएनएल को 6365 करोड़ रुपए और एमटीएनएल को 2120 करोड़ रुपए की मदद मिलने की उम्मीद है. आपको बता दें कि, BSNL पर फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है. साथ ही वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का नुकसान हुआ था.
(इनपुट: समीर दीक्षित)
02:07 PM IST