पटना में बर्ड फ्लू की आशंका के बाद घट गया चिकन का कारोबार
ठंड का मौसम होने के कारण मीट खासकर चिकन और अंडे की बिक्री बढ़ जाती है. लेकिन बर्ड फ्लू की आशंका से चिकन दुकानों से ग्राहक दूरी बनाने लगे हैं.
5 मोर की मौत और मुंगेर के असरगंज में 900 पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिकन बेचने वाले दुकानदार मायूस नजर आ रहे हैं.
5 मोर की मौत और मुंगेर के असरगंज में 900 पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिकन बेचने वाले दुकानदार मायूस नजर आ रहे हैं.
पटना के चिड़ियाघर में 5 मोर की मौत के बाद प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बर्ड फ्लू की आशंका गहराती जा रही है, जिसका सबसे ज्यादा असर चिकन बेचने वालों पर पड़ा है. बीते दो दिनों में चिकन दुकानों पर पहुंचने वाले ग्राहकों की संख्या आधी रह गई है.
ठंड का मौसम होने के कारण मीट खासकर चिकन और अंडे की बिक्री बढ़ जाती है. लेकिन राज्य में बर्ड फ्लू की आशंका क्या गहराई, चिकन दुकानों से ग्राहक दूरी बनाने लगे हैं. राजधानी में कई जगह जहां थोक में चिकन की दुकानें हैं, वहां ग्राहक इक्का-दुक्का की ही पहुंच रहे हैं.
चिड़ियाघर में 5 मोर की मौत और मुंगेर के असरगंज में 900 पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिकन बेचने वाले दुकानदार मायूस नजर आ रहे हैं. दुकानदारों के मुताबिक, ग्राहक की संख्या आधी हो गई है. होटलों और रेस्टोरेंट ने नए साल के जश्न की तैयारियों के बाद भी चिकन के आर्डर कैंसिल कर दिए हैं. ग्राहक भी मानते हैं कि बर्ड फ्लू को लेकर पटना में दहशत का माहौल है, लिहाजा उनके पास मछली और मांस का विकल्प भी है.
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डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी के मुताबिक, पांच से छह दिन के अंदर बर्ड फ्लू के लक्ष्ण दिखने लगते हैं. समय पर सही इलाज नहीं होने पर पीड़ित की जान भी जा सकती है.
बर्ड फ्लू के लक्ष्ण
बर्ड फ्लू वायरस जानवर के माध्यम से इंसानों में फैलते हैं. बर्ड फ्लू की पहचान H5N1 से होती है. ये वायरस काफी खतरनाक होते हैं. बर्ड फ्लू से प्रभावित मरीज को तेज बुखार होता है. गले में कफ बनना शुरू हो जाता है. शरीर में दर्द के साथ अकड़न महसूस होती है. थकान के साथ सिर दर्द और मरीज की नाक बहने लगती है. कभी-कभी मरीज को उल्टियां भी होती हैं.
बर्ड फ्लू से बचाव
अगर घर का कोई सदस्य बर्ड फ्लू से पीड़ित है तो उसका कमरा अलग कर देना चाहिए. यह वायरस हवा के जरिए तेजी से फैलता है, मरीज से बात करते समय नाक और मुंह ढककर रखना चाहिए. वायरस से संक्रमित व्यक्ति को इधर-उधर नहीं थूकना चाहिए. तेज बुखार होने पर सिर पर ठंडी पट्टी रखनी चाहिए. मरीज को फौरन ही अस्पताल ले जाएं और योग्य डॉक्टर की देखरेख में उसका इलाज करना चाहिए.
(पटना से प्रीतम कुमार की रिपोर्ट)
03:56 PM IST