RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक टली, नई तारीखों की घोषणा जल्द
आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC’s meeting) मंगलवार से शुरू होनी थी, जो तीन दिनों तक चलती.
आरबीआई ने अगस्त में एमपीसी की पिछली मीटिंग में रिजर्व बैंक ने महंगाई में बढ़ोतरी को रोकने के लिए नीतिगत दरों (Repo Rate) में बदलाव नहीं किया था. फरवरी से रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.(Image-PTI)
आरबीआई ने अगस्त में एमपीसी की पिछली मीटिंग में रिजर्व बैंक ने महंगाई में बढ़ोतरी को रोकने के लिए नीतिगत दरों (Repo Rate) में बदलाव नहीं किया था. फरवरी से रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.(Image-PTI)
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) ने कहा कि उसने इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक को टालने का फैसला किया है और नई तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी. हालांकि, आरबीआई ने बैठक को टालने का कोई कारण नहीं बताया.
आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC’s meeting) मंगलवार से शुरू होनी थी, जो तीन दिनों तक चलती. इस दौरान मुख्य रूप से ब्याज दरों पर फैसला किया जाना था. मौद्रिक नीति बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान 1 अक्टूबर को होने वाला था.
आरबीआई ने एक प्रेस रीलीज में कहा कि 29 सितंबर, 30 और एक अक्टूबर, 2020 के दौरान एमपीसी की बैठक होनी थी, उसे अब टाला जा रहा है. एमपीसी की बैठक की तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी.
ब्याज दरों पर फिलहाल कोई फैसला नहीं
बैठक से पहले चर्चा थी कि खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) में इजाफे के कारण इस बार के बैठक में नीतिगत ब्याज दरों (Policy Rates) में कोई बदलाव नहीं होगा. आपूर्ति में आई रुकावटों के कारण खुदरा महंगाई दर बढ़ गई है.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Shaktikanta Das) ने इससे पहले कहा था कि आगे और मौद्रिक एक्शन की गुंजाइश है, लेकिन हमें अपने ‘हथियारों’ का इस्तेमाल समझदारी से करना होगा.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
अगस्त में एमपीसी की पिछली मीटिंग में रिजर्व बैंक ने महंगाई में बढ़ोतरी को रोकने के लिए नीतिगत दरों (Repo Rate) में बदलाव नहीं किया था. फरवरी से रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.
उधर, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का कहना है कि रिजर्व बैंक को अपने नरम रुख को जारी रखना चाहिए. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति बढ़ने से अभी केंद्रीय बैंक को दरों में कटौती से बचना चाहिए. रिजर्व बैंक को महंगाई में कुछ कमी आने का इंतजार करना चाहिए.
07:19 PM IST