#OperationHaftaVasooli के बाद RBI का बड़ा एक्शन... अनिल सिंघवी बोले- अंजाम तक पहुंचाएंगे
आरबीआई का एक्शन ज़ी बिज़नेस के उस स्टिंग ऑपरेशन के बाद आया, जो खाताधारकों के हित में शुरू किया गया था.
रिजर्व बैंक ने इसके लिए बैंकों और NBFCs को नए-निर्देश जारी किए हैं.
रिजर्व बैंक ने इसके लिए बैंकों और NBFCs को नए-निर्देश जारी किए हैं.
मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए कर्ज बांटने वाली लोन कंपनियों की मनमानी अब नहीं चलेगी. रिजर्व बैंक ने डिजिटल लोन एजेंट (Digital lending agent) काम करने वाली ऐसी कंपनियों की गड़बड़ी पर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को कड़ी हिदायत दी है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म अगर कुछ फ्रॉड करते हैं तो उसके लिए भी बैंक और NBFC जिम्मेदार माने जाएंगे. रिजर्व बैंक ने इसके लिए बैंकों और NBFCs को नए-निर्देश जारी किए हैं.
ज़ी बिजनेस की मुहिम ‘ऑपरेशन हफ्ता वसूली’ का असर
आरबीआई का एक्शन ज़ी बिज़नेस के उस स्टिंग ऑपरेशन के बाद आया, जो खाताधारकों के हित में शुरू किया गया था. ज़ी बिजनेस ने अप्रैल महीने में ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए ‘ऑपरेशन हफ्ता वसूली’ नाम से एक मुहिम चलाई थी. लोगों कि शिकायत थी कि रिकवरी एजेंट बहुत ही गलत तरीके से पेश आते हैं. कई मामलों में देर रात फोन पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल की बात पता चली थी. फोन बुक से कॉन्टैक्ट हैक कर रिश्तेदारों और दोस्तों में बदनामी की भी जानकारी ग्राहकों ने दी. मोबाइल लोन एप्लीकेशन कंपनियों के लिए काम कर रहे रिकवरी एजेंट CBI, रिजर्व बैंक और क्राइम ब्रांच के नाम पर फर्जी नोटिस भेज रहे थे. कई मामलों में कोर्ट के नाम पर फर्जी सम्मन भी भेजने का मामला पता चला था.
आरबीआई के एक्शन के बाद ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कहा ऐसी कंपनियों के लिए ये करारा जवाब है. लेकिन, ये शुरुआत है, अंत नहीं. अनिल सिंघवी ने कहा कि उन लोगों के साथ सहानुभूति है जिन्हें इन कंपनियों की वजह से तनाव से गुजरना पड़ा. ऑपरेशन हफ्ता वसूली की शुरुआत इसी मकसद के साथ की गई थी कि ये खबर आरबीआई और सरकार तक पहुंचाई जाए. हालांकि, लोगों को लगा कि हम एक बार ये करने के बाद चुप बैठ गए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. रेगुलेटर को ऐसे मामलों में एक्शन लेने में थोड़ा वक्त लगता है.
ज़ी बिज़नेस के स्टिंग ऑपरेशन #OperationHaftaVasooli पर RBI का बड़ा एक्शन...
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 25, 2020
अनिल सिंघवी ने कहा- एक्शन की सिर्फ शुरुआत, अंत नहीं...छोटे लोन देने वाली कंपनियां नहीं सुधरी, तो छोड़ेंगे नहीं...#EditorsTake #RBI @AnilSinghvi_ @RBI @RBIsays @DasShaktikanta @YogeshDayal17 pic.twitter.com/jXYxM193FJ
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अनिल सिंघवी ने दी चेतावनी
अनिल सिंघवी के मुताबिक, ऑपरेशन मार्केट माफिया के बाद रिसर्च बेस्ड एडवाइजरी के फोन अब आना कम हो गए होंगे. क्योंकि, SEBI ने एक्शन लिया था. आरबीआई ने भी इस मामले को समझा और बहुत सीरियसली लिया. अनिल सिंघवी ने छोटे लोन देने वाली कंपनियों को चेतावनी दी कि ये शुरुआत है. अगर कंपनियों की बदतमिजी बंद नहीं हुई तो छोड़ेंगे नहीं.
ग्राहकों को भी समझनी होगी सिचुएशन
अनिल सिंघवी ने लोगों से भी अपील की कि जब इस तरह की कंपनियों से लोन लेते हैं तो आप इसलिए लेते कि बिल्कुल अनसिक्योर्ड लोन है. बहुत ऊंची दरों पर ब्याज लेते हैं. छोटी-छोटी जरूरतों के हिसाब से लोन लेते हैं. इस वजह से लेते हैं क्योंकि, और कोई तरीका नहीं होता. दिक्कत ये होती आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर चुके होते हैं. उसके पास आपके पास कोई स्कोप बचा नहीं है. ऐसे में लोन देने वाली कंपनियों ने चाहे जैसे भी जिस भी दाम पर आपको लोन दिया है. अब वह चाहे आपको लूट रही हैं, लेकिन मुसीबत में आपकी मदद की है. आपका फर्ज है कि पहली सिचुएशन नॉर्मल होते ही किस्त चुकानी चाहिए.
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विरोध क्या है?
लोन देने वाली कंपनियों के साथ जो विरोध है वो ये कि लॉकडाउन पीरियड में लोगों को परेशान न करें. क्योंकि, कमाई बंद है. पैसा वसूल करने के लिए गलत और गैरकानूनी तरीके का इस्तेमाल न करें. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि इनका पैसा न चुकाया जाए. जिसने पैसा लिया है उसका पैसा चुकाने का फर्ज है. लेकिन, समय और परिस्थिति को समझिए. क्योंकि, ये ही वो ग्राहक हैं जो आपको बिजनेस दे रहे हैं. दूसरा मानवता दिखाने की जरूरत है. ऐसे वक्त में थोड़ी रियायतें देनी चाहिए. क्योंकि, अगर कंपनियां ग्राहक का साथ देंगी तो ग्राहक वापस लौटकर आएगा.
12:41 PM IST