'कंगाल' पाकिस्तान पर दिवालिया होने का खतरा, खाने से लेकर कर्ज चुकाने तक के भी नहीं हैं पैसे
पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. उसके पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं हैं. सरकारी खजाना खाली है और खुद पाक पीएम ने माना है कि वह कंगाल हो रहे हैं.
पाकिस्तान का कर्ज 10 साल में 6 अरब से बढ़कर 30 हजार अरब पाकिस्तानी रुपये हो गया है. (फोटो: PTI)
पाकिस्तान का कर्ज 10 साल में 6 अरब से बढ़कर 30 हजार अरब पाकिस्तानी रुपये हो गया है. (फोटो: PTI)
पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. उसके पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं हैं. सरकारी खजाना खाली है और खुद पाक पीएम ने माना है कि वह कंगाल हो रहे हैं. हालात इतने बदतर हैं महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है. ऐसे में पाकिस्तानी सरकार के पास आवाम पर आर्थिक बोझ डालने के अलावा कुछ नहीं बचा है. इसका इशारा भी इमरान खान सरकार ने दे दिया है. दरअसल, पाकिस्तान का कर्ज 10 साल में 6 अबर पाकिस्तानी रुपए से बढ़कर 30 हजार अरब रुपए तक पहुंच गया है.
कर्ज चुकाने के पैसे नहीं
पाकिस्तान को कंगाल होता देख पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि हमारे पास कर्ज की किस्त चुकाने के लिए डॉलर नहीं बचे हैं. पाकिस्तान पर दिवालिया होने का खतरा है. पाक पीएम की इस बात को समझा जाए तो आने वाले दिनों में पाकिस्तान की आवाम के पास खाने तक को पैसा नहीं होगा और अगर होगा भी तो उसकी कीमत मिट्टी हो जाएगी. बता दें, पाकिस्तान ने IMF से 6 अरब डॉलर का कर्ज ले रखा है. कर्ज की शर्तों के तहत पाकिस्तान को कर राजस्व बढ़ाने समेत कई शर्तों को मानना पड़ा है.
30 जून का अल्टीमेटम
राष्ट्र के संबोधन में इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में टैक्स कलेक्शन से सालाना 4 हजार अरब रुपए सरकारी खजाने में आता है. लेकिन, आधी रकम सिर्फ कर्ज की किस्त भरने में जा रही है. जो रकम बचती है उसमें मुल्क का खर्चा नहीं चलाया जा सकता. इमरान खान ने पाकिस्तानियों से 30 जून तक बेनामी संपत्ति और खातों का खुलासा करने की चेतावनी दी है. खुलासा नहीं करने वाले की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. इमरान खान ने कहा अगर आप टैक्स नहीं देते तो देश को आगे ले जाना बेहद मुश्किल है. 30 जून के बाद यह मौका नहीं दिया जाएगा.
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9 साल के निचले स्तर पर विकास दर
इमरान खान सरकार के पहले आर्थिक सर्वे में देश की आर्थिक तस्वीर सामने आई है. पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 3.3 फीसदी पहुंच गई है, जो पिछले नौ सालों में सबसे निचला स्तर है. यह सालाना लक्ष्य 6.2% का आधा है. क्योंकि, कृषि और उद्योग में विकास नकारात्मक रहा है. एक साल पहले पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 315 अरब डॉलर की थी, जो अब घटकर 280 डॉलर पर पहुंच गई है. आने वाले वित्तीय वर्ष में भी हालात सामान्य होते नहीं दिखते.
प्रति व्यक्ति आय घटी, रुपया सबसे कमजोर
पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति आय भी 1,652 डॉलर के घटकर 1,497.3 डॉलर (प्रति वर्ष) पर आ गई है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, पाकिस्तान में विषमता की खाई भी और गहरी हुई है. पाकिस्तान के आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि पाकिस्तान 100 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज वापस करने की स्थिति में नहीं है. वहीं, पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के निचले स्तर पर है. एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 152 के स्तर पर पहुंच गया है.
खाना-पीना हुआ महंगा
आर्थिक रूप से कमजोर पाकिस्तान में महंगाई का भी बुरा हाल है. डॉलर के मुकाबले कमजोर होते पाकिस्तानी रुपये की वजह से पाकिस्तान में महंगाई दर पिछले पांच साल के शीर्ष पर है. पाकिस्तान में दूध के दाम 180 रुपए प्रति लीटर है. सेब 400 रुपये किलो, संतरे 360 रुपये और केले 150 रुपये दर्जन बिक रहे हैं. पाकिस्तान में मटन 1100 रुपये किलो तक पहुंच गया है. मई में प्याज 40%, टमाटर 19% और मूंग की दाल 13% ज्यादा महंगे हुए हैं. गुड़, शक्कर, मछली, मसाले, घी, चावल, आटा, तेल, चाय, गेंहू की कीमतों में भी 10% का इजाफा देखने को मिला है.
12:18 PM IST