अमेरिका ने H1-B समेत तमाम वर्क वीजा पर लगाई रोक, सुंदर पिचाई ने जताया ऐतराज
गूगल (Google) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुंदर पिचाई ने भी ट्रंप के इस फैसले को गलत करार दिया है.
H1-B वीजा के आधार पर अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों के तकनीकी विशेषज्ञों को अपने यहां काम करने का मौका देती हैं,
H1-B वीजा के आधार पर अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों के तकनीकी विशेषज्ञों को अपने यहां काम करने का मौका देती हैं,
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एच-1बी और सभी तरह के वर्क वीजा (work visa) पर रोक लगा दी है. यह रोक इस साल के आखिर तक लागू रहेगी. ट्रंप के इस फैसले का भारतीय पेशेवरों पर सीधा असर देखने को मिलेगा क्योंकि, एच-1बी वीजा (H-1B visa) का भारत के आईटी प्रोफेशनल्स काफी इस्तेमाल करते हैं. जे-वीजा इंटर्न, ट्रेनी, टीचर, कैंप काउंसलर या वर्क ट्रेवल प्रोग्राम के लिए जारी किया जाता है.
अमेरिका (United States) ने एच-2बी, एल और जे-वीजा समेत कई वर्क वीजा पर भी रोक लगाई है. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद ये वीजा धारक या इन पर निर्भर रहने वाले लोग इस साल 31 दिसंबर तक अमेरिका नहीं जा पाएंगे. वीजा पर लगाई यह रोक 24 जून से लागू होगी.
इन लोगों पर पड़ेगा असर
अमेरिकी सरकार के वीजा पर लगाई रोक के इस फैसले से उन भारतीय आईटी प्रोफेशनल पर असर पड़ेगा जिनको अमेरिकी और भारतीय कंपनियों ने पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले फाइनेंशियल ईयर 2021 के लिए वर्क या फिर अन्य वीजा जारी किए हैं. अब इन लोगों कम से कम इस साल के अंत तक इंतजार करना होगा. जो लोग अपना वीजा रिन्यू कराना चाहते हैं, उन पर भी इस फैसले का सीधा-सीधा असर पड़ेगा.
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बताई यह वजह
वीजा पर रोक लगाने का ऐलान करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पूरी दुनिया में आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. अमेरिका में ही लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं. इस फैसले से उन लोगों को थोड़ी बहुत राहत मिल सकती है जिन्होंने अपनी नौकरी खोई हैं.
Immigration has contributed immensely to America’s economic success, making it a global leader in tech, and also Google the company it is today. Disappointed by today’s proclamation - we’ll continue to stand with immigrants and work to expand opportunity for all.
— Sundar Pichai (@sundarpichai) June 22, 2020
हो रहा है विरोध
अमेरिकी सरकार के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है. गूगल (Google) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुंदर पिचाई ने भी ट्रंप के इस फैसले को गलत करार दिया है. उन्होंने कहा कि इमिग्रेशन की वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को इतना फायदा हुआ है और इसकी वजह से आज अमेरिका दुनिया का टेक लीडर बना हुआ है.
सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि वह ट्रंप सरकार के इस निर्णय से निराश हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रवासियों के साथ खड़े रहेंगे और उन्हें हर तरह के मौके दिलाने के लिए काम करते रहेंगे.
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एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा गैर-प्रवासी वीजा है. इस वीजा के आधार पर अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों के तकनीकी विशेषज्ञों को अपने यहां काम करने का मौका देती हैं, उन्हें तैनात करती हैं. नियुक्ति के बाद सरकार से इन लोगों के लिए एच-1बी वीजा मांगा जाता है. एच-1बी वीजा के आधार पर वीजाधारक अपने बच्चों और पति या पत्नी को अमेरिका ला सकता है. वो भी उतने ही साल अमेरिका में रह सकते हैं जितना वीजा की अवधि है. इस वीजा के बाद स्थाई नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है.
02:43 PM IST