Monkeypox Virus: कैसे होगा मंकीपॉक्स से बचाव, क्या करें-क्या न करें, हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया सबकुछ
Monkeypox Virus: हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए किन तरीकों को आजमाना चाहिए. इसके साथ ही मिनिस्ट्री ने लोगों से अफवाहों में नहीं पड़ने को कहा है.
(Source: Reuters)
(Source: Reuters)
Monkeypox Virus: देश में मंकीपॉक्स के मामले मिलने के साथ ही सरकार की सभी हेल्थ एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) से बचने के लिए किन सावधानियों को बरतने की जरूरत है, इसकी लिस्ट जारी की है. हेल्थ मिनिस्ट्री (Health Ministry) ने कहा कि मंकीपॉक्स किसी को भी हो सकता है. इससे बचाव के लिए किसी मंकीपॉक्स (Monkeypox Virus) से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में लंबे समय तक न रहें. मिनिस्ट्री ने कहा कि सिर्फ अफवाहों के आधार पर ही किसी के साथ भेदभाव न करें.
क्या करें
- संक्रमित मरीजों को दूसरों से अलग रखें.
- अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें.
- जब संक्रमित व्यक्ति के पास हों, तो मास्क और डिस्पोजेबल दस्ताने पहनें.
- पर्यावरण स्वच्छ्ता के लिए कीटाणुनाशक का इस्तेमाल करें.
क्या नहीं करें
- मंकीपॉक्स के मरीजों के साथ चादर, बिस्तर या तौलिये को साझा न करें.
- संक्रमित व्यक्तियों के इस्तेमाल किए हुए गंदे चादर या कपड़े गैर-संक्रमित व्यक्तियों के कपड़ों और चादर के साथ न धोएं.
- यदि आपको मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आते हैं तो पब्लिक प्लेस पर जाने से बचें.
- सिर्फ अफवाहों के आधार पर मंकीपॉक्स के पीड़ितों या संभावित पीड़ितों के साथ भेदभाव न करें.
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए नीचे दिए गए निर्देशों को पढ़ें और खुद को एवं अपने परिवार को सुरक्षित रखें।#Monkeypox pic.twitter.com/IM293V7XZU
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) August 3, 2022
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है, यानी कि जानवरों के मनुष्यों में फैलने वाला वायरस. इसके लक्षण देखने में चेचक के रोगियों जैसे होते हैं, हालांकि यह क्लिनकली चेचक से कम गंभीर होता है. मंकीपकॉक्स (Monkeypox) वायरस के दो अलग-अलग जेनेटिक ग्रुप हैं- सेंट्रल अफ्रीकन (कांगो बेसिन) क्लैड और वेस्ट अफ्रीकन. प्रसार के मामले में कांगो बेसिन मंकीपॉक्स ने ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है.
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण
TRENDING NOW
आम तौर पर मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस के लक्षण दो से चार हफ्ते तक चलते हैं. सामान्य जनसंख्या में Monkeypox की मुत्यु दर 0 से लेकर 11 फीसदी तक रही है. बच्चों में यह अधिक रहा है. हाल के दिनों में आए मंकीपॉक्स के मामले मृत्यु दर 3 से 6
मंकीपॉक्स (Monkeypox) होने पर रोगी में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, शरीर पर चकते का निशान, गले में खराश, खांसी, लिम्फ नोड्स में सूजन आदि देखने को मिलता है. इसके साथ ही रोगी के शरीर पर घाव के निशान देखे जा सकते हैं, जो कि बुखार की शुरुआत के 1 से तीन दिन के भीतर देखे जाते हैं और दो से चार सप्ताह तक चलते हैं. इनमें दर्द और खुजली भी होता है. यह हथेलियों और तलवों में ज्यादा देखा जा सकता है.
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
एक मंकीपॉक्स (Monkeypox) से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने पर मंकीपॉक्स फैल सकता है. ऐसे व्यक्तियों को आइसोलेशन में रहना चाहिए और किसी स्वस्थ व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आने से बचना चाहिए. मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. मंकीपॉक्स का वायरस आंख, नाक या मुंह के माध्यम से फैलता है. वहीं संक्रमित जानवरों के काटने से या उनके निकट संपर्क में आने से भी फैल सकता है.
मंकीपॉक्स के मरीजों में आमतौर पर 6 से 13 दिन में लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं, लेकिन यह 5 से 21 दिन के बीच भी हो सकता है.
कब आया था पहला मामला
इंसानों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) की पहचान पहली बार 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक 9 महीने के लड़के में हुई थी, जहां 1968 में चेचक को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद से मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले ग्रामीण, वर्षावन क्षेत्रों से सामने आए हैं.
अफ्रीका के बाहर पहला मामला
अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला 2003 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में सामने आया था. यह पालतू प्रैरी कुत्तों के संपर्क से फैला था, जिन्हें गैम्बियन पाउच वाले चूहों और डॉर्मिस के साथ रखा गया था. इन चुहों को घाना से इम्पोर्ट किया गया था.
05:16 PM IST