Shree Anna Benefits: बाजरा, रागी, ज्वार, कंगनी जैसे 'श्री अन्न' के क्या हैं फायदे, क्यों बजट में किया गया इनका जिक्र?
श्री अन्न की ताकत और इसके तमाम फायदों को देखते हुए सरकार की ओर से इसको प्रमोट किया जा रहा है और लोगों की थाली में फिर से वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. एक्सपर्ट से समझिए इसके फायदे.
बाजरा, रागी, ज्वार, कंगनी जैसे 'श्री अन्न' के क्या हैं फायदे, क्यों बजट में किया गया इनका जिक्र?
बाजरा, रागी, ज्वार, कंगनी जैसे 'श्री अन्न' के क्या हैं फायदे, क्यों बजट में किया गया इनका जिक्र?
Budget 2023-24 के भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'श्री अन्न' का भी जिक्र किया है. 'श्री अन्न' मोटे अनाज को कहा जा रहा है. समय के साथ ज्यादातर लोग गेहूं और चावल जैसे अनाज तक सीमित हो गए हैं और मोटे अनाज का इस्तेमाल काफी कम हो गया, जबकि भारत में कई तरह के मोटे अनाज की पैदावार होती है. मोटा अनाज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. भारत श्री अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. श्री अन्न की ताकत और इसके तमाम फायदों को देखते हुए सरकार की ओर से इसको प्रमोट किया जा रहा है और लोगों की थाली में फिर से वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्त शर्मा से जानिए बाजरा, रागी, ज्वार, कंगनी जैसे तमाम श्री अन्न के फायदे, जिनका जिक्र वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान किया था.
पहले समझिए मोटे अनाज के फायदे
डॉ. रमाकान्त शर्मा की मानें तो पेट को तमाम बीमारियों की जड़ माना जाता है. आज के समय में ज्यादातर लोगों को पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान करती हैं. महीन अनाज का सेवन इसके बड़े कारणों में से एक है. महीन अनाज खाने में बेशक स्वादिष्ट लगता हो, लेकिन सेहत के मामले में मोटा अनाज कहीं ज्यादा गुणकारी है. मोटा अनाज फाइबर का अच्छा स्रोत होता है और आपके पेट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इसके अलावा मोटे अनाज में मिनरल्स, विटामिन्स आदि तमाम पोषक तत्व गेहूं और चावल की तुलना में कहीं ज्यादा होते हैं. जानिए श्री अन्न के फायदे-
बाजरा
सबसे पहले बाजरा की बात करते हैं क्योंकि वर्ष 2023 को 'बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया गया है. बाजरा फाइबर का अच्छा स्रोत है. इसके अलावा आपको बाजरा से कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और थोड़ी बहुत मात्रा में प्रोटीन भी मिल जाता है. इसके अलावा ये ग्लूटन फ्री होता है. ऐसे लोग जिन्हें गेहूं से एलर्जी है, वो भी इसे आराम से खा सकते हैं. लेकिन ये पचने में थोड़ा भारी होता है, इसलिए बजुर्गों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए.
कोदो
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फाइबर का बेहतर सोर्स होने के साथ कोदो विटामिन बी और बी-6, फोलिक एसिड का भी अच्छा स्रोत है. इसके अलावा कैल्शियम, आयरन आदि अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल के मामले में ये काफी फायदेमंद है. इसके अलावा ये शरीर में एनर्जी बनाकर रखता है और वजन को नियंत्रित रखता है.
चीना
प्रोसो मिलेट को चीना और चेना जैसे नामों से जाना जाता है. आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे गुणों से भरपूर चीना शरीर में खून की कमी को दूर करता है. इसके अलावा चीना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद है.
कुट्टू
हाई क्वालिटी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर कुट्टू काफी पाचक होता है. गैस, एसिडिटी, कब्ज जैसी परेशानियों को दूर करता है. शरीर को एनर्जी देता है और वजन कम करने में मददगार माना जाता है. इसके अलावा ये स्किन को हाइड्रेट रखने का काम करता है.
कंगनी
कंगनी को ककुम के नाम से भी जाना जाता है. ये ब्लड प्यूरीफायर और कब्ज की समस्या को दूर करने वाला है. जिनकी पाचन क्षमता कमजोर है, उनके लिए कंगनी काफी फायदेमंद है. ये लिवर फंक्शन को बेहतर बनाता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसे रक्तशोधक माना जाता है.
ज्वार
ज्वार आयरन, प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत है. इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. डायबिटीज के मरीजों, जोड़ों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए ये काफी लाभकारी है. ये मांसपेशियों में दर्द की समस्या को भी कम करने का काम करता है.
सामा
सामा को भी पेट के लिए काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि ये फाइबर से भरपूर होता है. ये आंतों को मजबूत रखता है, एसिडिटी को दूर करता है और स्किन डिजीज में काफी लाभकारी है.
कुटकी
विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम से भरपूर होती है कुटकी. इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के रूप में भी किया जा सकता है क्योंकि ये एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक का काम करती है. कुटकी के सेवन से खून साफ होता है और आंतों की सफाई होती है. ये वजन को भी नियंत्रित करती है.
रागी
रागी कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है. इसमें आयरन और अन्य मिनरल्स भी पाए जाते हैं. बढ़ते बच्चों को अगर रागी का सेवन कराया जाए तो ये उनके शरीर को मजबूत करती है. इसके अलावा रागी हड्डियों के मरीजों के लिए लाभकारी है. ये मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करती है. लेकिन पचने में रागी भारी है, इसलिए बुजुर्गों को इसका सेवन काफी संभलकर करना चाहिए.
रामदाना
रामदाना की अगर बात करें तो ये प्रोटीन और फाइबर से भरपूर माना जाता है. इसे राजगीरा के नाम से भी जाना जाता है. ये पेट की गर्मी को शांत करता है. अगर इसे वेजिटेबल्स के साथ दलिया के तौर पर खाया जाए तो ये वजन को कंट्रोल रखता है. ये बालों के लिए भी अच्छा माना जाता है. बालों को झड़ने और असमय सफेद होने से रोकता है.
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