Chandrayaan-3: चांद की दहलीज पर पहुंचा चंद्रयान, ISRO ने दिया अपडेट...कल का दिन भी होगा बेहद खास
आज 16 अगस्त बुधवार को भारत का ये स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-3 153 Km x 163 Km की कक्षा में पहुंच गया. अब 17 अगस्त को इसरो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग करेगा.
चांद की दहलीज पर पहुंचा चंद्रयान, ISRO ने दिया अपडेट...कल का दिन भी होगा बेहद खास
चांद की दहलीज पर पहुंचा चंद्रयान, ISRO ने दिया अपडेट...कल का दिन भी होगा बेहद खास
Chandrayaan-3 के लिए 16 और 17 अगस्त का दिन बेहद खास है. आज 16 अगस्त बुधवार को चंद्रयान-3 ने चांद की चौखट पर दस्तक दे दी है. ISRO की ओर से एक बार फिर चंद्रयान-3 के ऑर्बिट को घटाया गया. ऑर्बिट घटाने की ये आखिरी प्रक्रिया थी. इसी के साथ चंद्रयान की चांद से दूरी और भी कम हो गई. भारत का ये स्पेसक्राफ्ट अब 153 Km x 163 Km की कक्षा में पहुंच गया है. 17 अगस्त को इसरो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग करेगा.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 16, 2023
Today’s successful firing, needed for a short duration, has put Chandrayaan-3 into an orbit of 153 km x 163 km, as intended.
With this, the lunar bound maneuvres are completed.
It’s time for preparations as the Propulsion Module and the Lander Module… pic.twitter.com/0Iwi8GrgVR
इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर दी जानकारी
चंद्रयान-3 को चंद्रमा की गोलाकार कक्षा में लाने की प्रक्रिया को आज सुबह करीब 08:30 बजे अंजाम दिया गया. इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इसकी जानकारी दी. इसरो की ओर से लिखा गया 'आज की सफल फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया है. इसी के साथ Lunar Bound Maneuvres पूरे हुए. अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हैं. लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने का काम 17 अगस्त को किया जाएगा.'
चांद की स्टडी करेगा चंद्रयान
चंद्रयान में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं. लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे. प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा. चंद्रयान-3 के जरिए ISRO यह स्टडी करना चाहता है कि क्या चांद पर भी लाइफ संभव है. इसके साथ ही वहां के Atmosphere के बारे में भी स्टडी की जाएगी. वहां पहुंचने के बाद चंद्रयान यह पता लगाएगा कि वहां कि मिट्टी कैसी है. क्या वहां पानी का कोई सोर्स है. इसके साथ ही चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा.
23 अगस्त को होगी लैंडिंग
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बता दें कि भारत का चंद्रयान 5 अगस्त को चांद की कक्षा में पहुंच गया था. ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं, जिसे इसरो ने ट्विटर पर शेयर किया था. इसके बाद 6 अगस्त को चंद्रयान की ऑर्बिट पहली बार घटाकर 170 Km x 4313 Km की गई. फिर 9 अगस्त को इसे घटाकर 174 km x 1437 km कर दिया गया. 14 अगस्त को तीसरी बार चंद्रयान की ऑर्बिट घटाया गया था और इसे 150 Km x 177 Km कर दिया गया था. 23 अगस्त को चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करेगा.
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