Semiconductor Chip को लेकर इतना हंगामा क्यों है? क्या होती ये चिप, कैसे करती है काम- जानें सबकुछ
Semiconductor Chip crisis: क्या होती है सेमीकंडक्टर चिप, क्यों होता का इसका ज्यादातर प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल - ये जानना आपके लिए बेहद ही इंट्रस्टिंग और इम्पॉर्टेंट है.
Semiconductor Chip crisis: दुनिया में बन रहे सभी प्रोडक्ट्स की सांसे सिर्फ एक चिप (semiconductor chip) पर टिकी होती है, चाहें वो स्मार्टफोन हो या कार, वॉशिंग मशीन, और या फिर किसी और गैजेट्स की बात हो. इस चिप्स पर ही सारे गैजेट्स निर्भर करते हैं. सेमीकंडक्टर एक ऐसी चिप है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं कि क्या होती है ये चिप और कैसे इसी के दम पर सारे गैजेट्स काम करते हैं. इडस्ट्री की डिमांड चिप को डिलीवर कराना है, लेकिन वो संभव नहीं हो पा रहा है, इसलिए पापुलर गैजेट्स की डिमांड और सप्लाई में बड़ा गैप हो चला आ रहा है. इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है Reliance jio के नए स्मार्टफोन, आईफोन और आईपैड की लेट डिलीवरी पर. आइए जानते हैं क्या होती है चिप, कैसे करता है काम और क्यों ये इतनी ज्यादा होती है इम्पॉर्टेंट.
क्या होती है semiconductor chip
दुनियाभर में लैपटॉप, स्मार्टफोन, मशीन के बिना सभी काम अधुरे हैं. ऐसे में ये गैजेट्स और मशीन हर किसी के पास मिल जाएंगी. चाहे फिर वो कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्ट कार, वॉशिंग मशीन, ATM, अस्पतालों की मशीन से लेकर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन ही क्यों न हों. इन सब में सेमीकंडक्टर (Semiconductor) की बेहद जरूरत पड़ती है. शायद ही इिसके बिना किसी गैजेट्स का चलना संभव है.
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कैसे बनते हैं सेमीकंडक्टर चिप्स
सेमीकंडक्टर चिप्स सिलिकॉन (silicone) से बने होते हैं. इलेक्ट्रिसिटी के ये बहुत ही अच्छे कंडक्टर होते हैं. इन्हें माइक्रो सर्किट (Microcircuit) में फिट किया जाता है. सेमीकंडक्टर चिप्स के बिना कोई भी इलेक्ट्रॉनिक आइटम या फिर गैजेट चल नहीं सकता. ये सभी एक्टिव कॉम्पोनेंट्स, इंटिग्रेटेड सर्किट्स, माइक्रोचिप्स, ट्रांजिस्टर और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर इन्हीं चिप्स से बने होते हैं. बता दें ये सेमीकंडक्टर ही हाई-एंड कंप्यूटिंग (high-end computing),ऑपरेशन कंट्रोल (operation control), डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, इनपुट और आउटपुट मैनेजमेंट, सेंसिंग, वायरलेस कनेक्टिविटी और कई अन्य कामों में हेल्प करते हैं. ऐसे में ये चिप्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5G, IoT, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल्स का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं.
क्यों हो रही है चिप की शॉर्टेज?
दरअसल जबसे कोरोना वायरस ने अपने पैर पसारे हैं तभी से लगे लॉकडाउन की वजह से इसपर बड़ा असर पड़ा है. हालांकि कोरोना के आने के पहले यानि मार्च से पहले तक चिप्स के प्रोडक्ट्स की डिमांड अच्छी खासी थी, लेकिन उसे बाद से ही चिप्स की कमी महसूस होने लगी. यही एक वजह भी है कि लोगों ने गैजेट्स और मशीन लेना बंद कर दिया था, लेकिन जैसे-जैसे दुनियाभर में गैजेट्स की डिमांड बढ़ी, कंपनियों के सामने चिप्स को अरेंज कर पाना काफी मुश्किल हो गया.
किस पर पड़ रहा है गहरा असर?
चिप कम होने की (Chips crisis) वजह से इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और कंपोनेंट्स (Electronic Goods and Component) बनाने वाली कंपनियों का डिस्प्ले प्रभावित हुआ है और वो मांग पूरा नहीं कर पा रही हैं. चिप की कमी के चलते कई सारी ऐसी कंपनिया है, जिनके प्रोडक्ट्स डिलीवर होने में देरी हो रही है. जैसे ही रिलायंस जियो, जिसका नया स्मार्टफोन jioPhone Next, जो 10 सितंबर को लॉन्च होना था, लेकिन चिप की कमी होने के कारम इसे भी अब दिवाली के आस-पास लॉन्च किया जाएगा. वहीं आईफोन और आईपैड की भी लॉन्चिंग में इसी के कारण देरी हो रही है. इसके अलावा कंप्यूटिंग और वायरलेस इंडस्ट्रीज (Computing and Wireless Industries) में ग्लोबली चिप की डिमांड 50% तक कम दिखाई दी. वहीं इस लिस्ट में ऑटो इंडस्ट्री, कंज्यूमर गुड्स और स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स भी शामिल हैं.
02:27 PM IST