त्योहारों पर हैकर्स से रहें सतर्क, खाली हो सकता है आपका अकाउंट
हैकर्स छोटी ई कॉमर्स कंपनियों को अपना शिकार बनाते हैं क्योंकि छोटी कंपनियां बड़ी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा डेटा सहेज कर रखती हैं.
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद हैकर्स का सबसे बड़ा शिकार भारत है.
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद हैकर्स का सबसे बड़ा शिकार भारत है.
दिवाली का सीजन (Diwali Season) चल रहा है और ऑनलाइन बाजार ज़ोरों पर है. भारी छूट के चलते ज़ाहिर है लोग जमकर शॉपिंग (Online SHopping) कर रहे हैं. अन्य त्योहारों के मुकाबले दिवाली पर ज्यादा खरीदारी होती है. सोने-चांदी से लेकर महंगे इलेक्ट्रॉनिक आइटमों में छूट पर जहां आपकी नज़र होती है, वहीं किसी और की नजर अपके अकाउंट पर हो सकती है. हम बात कर रहे हैं हैकर्स की.
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद हैकर्स का सबसे बड़ा शिकार भारत है. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी सिमेंटेक मुताबिक, पिछले साल हर महीने करीब 5,000 वेबसाइट्स पर हैकर्स के हमले हुए. इनमें से 33 फीसदी हमले सिर्फ नवंबर-दिसंबर में हुए. नवंबर-दिसंबर के महीने में दिवाली के साथ लोग क्रिसमस और नए साल के लिए भी शॉपिंग करते हैं, अपने टूर बुक कराते हैं.
नवंबर-दिसंबर यानी त्योहारों का सीजन. पिछले साल दिवाली नवंबर में थी और इस साल अक्टूबर में है. और इस समय दुनियाभर के हैकर्स सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं. जब आप ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, उस वक्त फॉर्म हैकिंग तकनीक की मदद से ये हैकर्स आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का डेटा चुरा लेते हैं. फॉर्म हैकिंग यानी वह तकनीक जिसमें फॉर्म भरते समय जावा कोड को हैक कर लिया जाता है और अकाउंट संबधी जानकारी कॉपी कर ली जाती है.
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साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन के मुताबिक, फेस्टिव सीजन में हैकर्स बहुत ही एग्रेसिव हो जाते हैं और इस दौरान आपके अकाउंट पर उनकी नजर रहती है. हमारे पास अभी
सबसे पहले हैकर्स कार्गेट वेबसाइट के पेमेंट फॉर्म में अपनी स्क्रिप्ट का कोड डालते हैं. यूजर पेमेंट करने के लिए फॉर्म भरते हैं जिसमें कार्ड डिटेल होती हैं. उधर यूजर submit बटन पर क्लिक करता है और उधर फॉर्म डेटा और कार्ड डिटेल्स हैकर्स के पास चली जाती है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स छोटी ई कॉमर्स कंपनियों को अपना शिकार बनाते हैं क्योंकि छोटी कंपनियां बड़ी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा डेटा सहेज कर रखती हैं.
ऐसे बचें हैकर्स से
- शॉपिंग करते समय URL चेक करें. उस पर (https) मोड होना चाहिए.
- वेबसाइट का https मोड सिक्योर मोड होता है.
- ध्यान रखें कि आपके मोबाइल या लैपटॉप में एंटीवायरस हो.
- खरीदारी करने में सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल न करें.
- ऑनलाइन पेमेंट की जगह कैश ऑन डिलिवरी चुने.
- कस्टमर केयर नंबर ढूंढने के लिए उस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाएं.
(रिपोर्ट- पीयूष शर्मा/ नई दिल्ली)
07:34 PM IST