हैक हो सकता है आपका Credit-Debit कार्ड! बचने के लिए अपनाएं ये 10 TIPS
ऑनलाइन खरीददारी करते वक्त कई बार ट्रांजेक्शन फंस जाता है. कभी-कभी यह दिक्कत तकनीकी रूप से हो सकती है, लेकिन कई बार आप हैकर्स के जाल में फंस जाते हैं.
ऑनलाइन शॉपिंग में ज्यादातर ट्रांजेक्शन डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ही होते हैं. (Pixabay)
ऑनलाइन शॉपिंग में ज्यादातर ट्रांजेक्शन डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ही होते हैं. (Pixabay)
ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. ऑनलाइन शॉपिंग में ज्यादातर ट्रांजेक्शन डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ही होते हैं. लेकिन, ऑनलाइन खरीददारी करते वक्त कई बार ट्रांजेक्शन फंस जाता है. कभी-कभी यह दिक्कत तकनीकी रूप से हो सकती है, लेकिन कई बार आप हैकर्स के जाल में फंस जाते हैं. इस स्थिति में फंसने पर आपके बैंक अकाउंट या कार्ड की जानकारी चोरी हो सकती है. इस जाल से बचने के लिए जरूरी है कि आप जो ट्रांजेक्शन करें वह सुरक्षित हो. ऐसे में कुछ जरूरी टिप्स आपके काम आ सकती हैं.
1. लेटेस्ट सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के मामले में बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. जिस कंम्प्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन के जरिए आप ट्रांजेक्शन कर रहे हैं, वह सुरक्षित होना चाहिए. इंटरनेट पर मालवेयर, स्पैम और स्पाइवेयर की भरमार है. इन सबसे बचने के लिए बेस्ट प्रोटेक्शन वाले एंटीवायरस का इस्तेमाल करें. फ्री एंटीवायरस सिर्फ फिशिंग, मालवेयर और ट्रोजन से ही बचाव करते हैं. पूरी सुरक्षा के लिए एंटीवायरस का फुल वर्जन खरीद कर कम्प्यूटर में इंस्टॉल करना चाहिए.
2. सभी सॉफ्टवेयर के लिए ऑटो अपडेट का इस्तेमाल करें
आपने सिस्टम में जो भी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर, प्रोटेक्शन के लिए इंस्टॉल किया है. उसका ऑटो अपडेट होते रहना बहुत जरूरी होता है. इतना ही नहीं, आपके सिस्टम के दूसरे सभी सॉफ्टवेयर का भी अपडेट होते रहना जरूरी है. अगर इन सॉफ्टवेयर में कोई खराबी आ जाए तो आपका सिस्टम हैक करना किसी हैकर के लिए बेहद आसान हो सकता है. यदि सॉफ्टवेयर ऑटो अपडेट सपोर्ट नहीं करता है तो कोई ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें, जो ऑटो अपडेट सपोर्ट करे. आप चाहें तो अपने सॉफ्टवेयर को समय-समय पर मैनुअली अपडेट भी कर सकते हैं.
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3. एनक्रिप्शन का ध्यान रखें
किसी भी वेबसाइट पर अपना कॉन्फिडेंशियल डेटा डालने से पहले चेक कर लें कि वेबसाइट एनक्रिप्शन का इस्तेमाल कर रही है या नहीं. एनक्रिप्शन वह जरूरी चीज है जिसके जरिए किसी भी डेटा को प्रोटेक्ट किया जाता है. ताकि नेटवर्क में ट्रैवल करते समय आपके डेटा को कोई नुकसान ना हो या फिर वह चोरी ना हो.
ऐसे चेक करें कोई वेबसाइट एनक्रिप्टेड है या नहीं
URL चेक करें
अगर URL में https है, तो वह वेबसाइट एनक्रिप्टेड है.
https में s का मतलब है security.
अगर url में दाईं तरफ ‘बंद ताले’ का निशान हो तो वह वेबसाइट ज्यादा सुरक्षित है.
4. अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें
एक स्टडी से इस बात का पता चला है कि अधिकतर लोग अपने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए कॉमन पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर किसी हैकर को आपके एक पासवर्ड का एक्सेस मिल गया तो वह आपके सभी अकाउंट तक अपनी पहुंच बना सकता है, क्योंकि आपने हर जगह एक ही पासवर्ड रखा है. इस वर्चुअल वर्ल्ड में खुद को सुरक्षित रखने के लिए हर ट्रांजेक्शन के लिए अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए.
5. कैश ऑन डिलिवरी ऑप्शन
यदि कोई वेबसाइट आपको कैश ऑन डिलिवरी का ऑप्शन देती है, तो यह बेहतर विकल्प है. इसका फायदा यह है कि आपको ऑनलाइन पेमेंट नहीं करना होता है. इससे आपके अकाउंट की जानकारियों के हैक होने का खतरा बिल्कुल कम हो जाता है. बहुत सारे लोग कैश ऑन डिलिवरी का विकल्प नहीं देते हैं, क्योंकि इसमें कुछ वेरिफिकेशन से गुजरना पड़ता है. लेकिन, सुरक्षित रहने के लिए यह विकल्प जरूरी है.
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6. ऑफर्स से डील करना
आपके पास बहुत सारे ऑफर्स के लुभावने मेल आते होंगे. यह मेल कूपन या फिर किसी अन्य प्रकार के ऑफर देते हैं, जिन्हें इस्तेमाल करके आप कई तरह के डिस्काउंट ले सकते हैं. ऐसी स्थिति में कोशिश करें कि सीधे रिटेलर की वेबसाइट पर जाकर ही अपनी जानकारियां डालें. किसी कूपन लिंक में अपनी जानकारियां देना आपके लिए असुरक्षित हो सकता है.
7. वेबसाइट का डिजिटल सर्टिफिकेट चेक करें
किसी भी रिटेलर या मर्चेंट वेबसाइट पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से पहले उस वेबसाइट का डिजिटल सर्टिफिकेट जरूर देख लें. एक वेबसाइट का डिजिटल सर्टिफिकेट वेबसाइट की वैधता को दर्शाता है. वेरीसाइन (VeriSign) जैसी इंडिपेंडेंट सर्विसेस इस तरह की वैधता के बारे में बताती हैं, जो किसी भी वेबसाइट को यूज करने वाले यूजर को उसके सही और गलत होने के बारे में बताता है.
8. पब्लिक कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने से बचें
इंटरनेट पर कोई भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने के लिए अपना पर्सनल कम्प्यूटर या फिर कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, जैसे फोन या टैबलेट का इस्तेमाल करें. कभी कोई पब्लिक कम्प्यूटर या किसी दोस्त का मोबाइल किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए प्रयोग न करें. इतना ही नहीं, यदि आप वाई-फाई का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इस बात का खास ध्यान रखें कि वाई-फाई पासवर्ड प्रोटेक्टेड हो. किसी भी पब्लिक वाई-फाई पर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन नहीं करनी चाहिए.
9. कॉन्फिडेंशियल जानकारियां चुराने वाले फिशिंग ई-मेल से बच कर रहें
आपके बैंक या फिर किसी थर्ड पार्टी द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के प्रमोशनल मेल से बचें, जो आपकी सेंसिटिव जानकारी मांग रहा हो. बहुत सारे लोग इस तरह के मेल के झांसे में आकर समय-समय पर अपना पैसा गंवाते रहते हैं. इस बात का खास ध्यान रखें कि कोई भी बैंक ई-मेल के जरिए कभी अपने ग्राहक से उसकी सेंसिटिव जानकारियां नहीं मांगता है.
10. ब्रांडेड मर्चेंट से ही खरीददारी करें
कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप एक ब्रांडेड मर्चेंट से ही खरीददारी कर रहे हैं. कई सारे छोटे वेंडर बहुत ही कम सिक्योरिटी के साथ मार्केट में ऑपरेट कर रहे हैं, जिन पर कोई भी ट्रांजेक्शन करने का मतलब, खुद की जानकारियों को खतरे में डालना है. मर्चेंट की प्राइवेसी पॉलिसी का भी विशेष ध्यान रखें. कई बार कंपनियां आपकी पर्सनल जानकारी दूसरी मार्केटिंग या रिसर्च कंपनियों के साथ शेयर करने की पॉलिसी बना लेती हैं, जिनके बारे में आपको पता नहीं होता है.
07:11 PM IST