Whatsapp भुगतान सेवा मामले में रिजर्व बैंक बनेगा पक्षकार, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये निर्देश
व्हाट्सऐप भुगतान सेवा में आंकड़ों को भारत में ही संग्रहीत करने के नियमों का अनुपालन करने का निर्देश दिए जाने को लेकर दायर याचिका में ये अनुमति दी गई.
भारत में व्हाट्सऐप के 20 करोड़ यूजर हैं.
भारत में व्हाट्सऐप के 20 करोड़ यूजर हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को व्हाट्सऐप भुगतान सेवा में आंकड़ों को भारत में ही संग्रहीत करने के नियमों का अनुपालन करने का निर्देश दिए जाने को लेकर दायर याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को एक पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी है. न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने सोमवार को इस गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर अकाउन्टेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज के वकील विराग गुप्ता से कहा कि वे रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाने के लिये एक सप्ताह के भीतर आवेदन प्रस्तुत करें.
अनुपालन न करने की बात
इस संगठन ने अपनी याचिका में कहा है कि व्हाट्सऐप ने डेटा को भारत में ही रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्र का अभी तक अनुपालन नहीं किया है. इस संगठन ने रिजर्व बैंक के प्रावधानों पर पूरी तरह अमल होने तक व्हाट्सऐप को अपने भुगतान सेवा शुरू करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. इससे पहले, केन्द्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चूंकि यह मामला आंकड़ों से संबंधित है, इसलिए इसमें रिजर्व बैंक को एक पक्षकार बनाने की आवश्यकता है. पीठ ने गैर सरकारी संगठन को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी है.
अब भी है मंजूरी का इंतजार
भारत में व्हाट्सऐप के 20 करोड़ यूजर हैं. कंपनी अपने सभी यूजर तक पेमेंट सर्विस का बेनिफिट पहुंचाना चाहती है. इसके लिए व्हाट्सऐप प्रमुख ने पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने मैसेजिंग ऐप के जरिए सभी यूजर तक पेमेंट सर्विस शुरू करने की अनुमति मांगी थी.
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फाइल फोटो
वर्ष 2018 की शुरुआत में कंपनी ने करीब 10 लाख उपभोक्ताओं के साथ पेमेंट सेवा की प्रायोगिक शुरुआत की थी. हालांकि कई महीने बीतने पर भी उसे नियामक से मंजूरी नहीं नहीं मिली है. व्हाट्सऐप करीब दो साल से भुगतान सुविधा की अपनी योजना को लेकर सरकार से संपर्क में है.
(इनपुट एजेंसी से)
07:40 PM IST