बड़ी खबर: टल गया BSNL और MTNL का मर्जर, मंत्रियों के समूह ने इस वजह से लिया फैसला
BSNL-MTNL merger postponed: बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय वित्तीय कारणों के चलते टाल दिया है. सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह (GoM) ने फैसला किया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह (GoM) ने फैसला किया.
BSNL-MTNL merger postponed: देश के दोनों टेलीकॉम कंपनियों- बीएसएनएल (BSNL) और एमटीएनएल (MTNL) के मर्जर के मुद्दे पर बड़ी खबर है. सरकार ने फिलहाल इन दोनों कंपनियों का विलय यानी मर्जर (BSNL-MTNL Merger Postponed) करने का फैसला टाल दिया गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह (GoM) ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों (Public sector telecommunications companies) बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय वित्तीय कारणों के चलते टाल दिया है. सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.
69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को दी थी मंजूरी (69,000 crore revival package was approved)
खबर के मुताबिक, मंत्रियों के समूह ने नोएडा में बीएसएनएल की छह हजार वर्गमीटर जमीन को एक लाख रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को बेचने की मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल ने घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिये 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमें दोनों कंपनियों के विलय की मंजूरी भी शामिल थी.
एमटीएनएल पर बहुत ज्यादा लोन बनी वजह (loan on MTNL)
एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, मंत्रियों के समूह ने एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय को मुख्य रूप से एमटीएनएल पर बहुत ज्यादा लोन होने के चलते टाल दिया है. 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के रिजल्ट के मुताबिक, बीएसएनएल और एमटीएनएल की कुल देनदारियां क्रमशः 87,618 करोड़ रुपये और 30,242 करोड़ रुपये थीं. दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को मुंबई और दिल्ली के दूरसंचार सर्किल में काम करने के लिये लाइसेंस दिया है, जहां पहले से ही एमटीएनएल का ऑपरेशन है.
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विभाग ने पिछले साल 2020 की वार्षिक समीक्षा में कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों कंपनियों के कुल 92,956 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का ऑप्शन चुना और वे 31 जनवरी 2020 को रिटायर हो गए.
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12:00 AM IST