2023 Stock Picks: नए साल में दमदार कमाई वाले ये 10 शेयर भरेंगे आपकी जेब, ब्रोकरेज ने लगाया दांव, यहां देखें लिस्ट
New Year Pick 2023: घरेलू ब्रोकरेज हाउस एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) ने नए साल के लिए 10 दमदार शेयर को चुना है. इन 10 शेयरों के साथ अपने पोर्टफोलियो को नया आकार दें जिनमें बेहतर प्रदर्शन करने की बड़ी क्षमता है.
New Year Pick 2023: नए साल 2023 के स्वागत में गिने-चुने दिन बचे हैं. नए संकल्प के साथ नए साल में सही निवेश से वित्तीय लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है. नए साल में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में दमदार कमाई कराने वाले शेयर को शामिल कर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. घरेलू ब्रोकरेज हाउस एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) ने नए साल के लिए 10 दमदार शेयर को चुना है. इन 10 शेयरों के साथ अपने पोर्टफोलियो को नया आकार दें जिनमें बेहतर प्रदर्शन करने की बड़ी क्षमता है.
HDFC Securities ने कहा, साल 2023 और आने वाले वर्षों के लिए वित्तीय रूप से फिट होने के लिए यह आपका सबसे बुद्धिमानी भरा कदम हो सकता है. साल 2022 में बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच निफ्टी और सेंसेक्स ने अभी तक क्रमश: 4.72% और 4.41% रिटर्न दिया है. आइए जानते हैं साल 2023 के टॉप 10 पिक्स.
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1. Bharat Forge- HDFC सिक्योरिटीज ने न्यू ईयर पिक में भारत फोर्ज लिमिटेड (BFL) को शामिल किया है. यह फोर्जिंग इंडस्ट्री में अग्रणी कंपनी है. कंपनी ऑटोमोबाइल, बिजली, तेल और गैस, रेल और समुद्री, एयरोस्पेस और रक्षा, निर्माण, खनन आदि सहित कई सेक्टर्स में काम करती है. इसका फोर्जिंग कारोबार वैश्विक स्तर पर China+1 और EU+1 स्ट्रैटेजी से फायदा हो रहा है.
2W- EV एसोसिएट Tork Motors को FAME-II का अप्रूवल मिला है. कंपनी को लाइट ट्रक सेगमेंट में इलेक्ट्रिक सीवी के लिए कलपुर्जे विकसित करने का ऑर्डर मिला है. उत्पादन FY23-24 में शुरू होना चाहिए. BFL को कल्याणी एम4 (Kalyani M4) वाहनों के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय से 178 करोड़ रुपये का ऑर्डर और आगे के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. ऑटोमोबाइल में डिमांड चक्र, अमेरिका और यूरोप में मंदी, कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव चिंता है.
2. ACC- अडानी द्वारा एसीसी (ACC) की खरीद कॉस्ट-सेविंग के अवसरों, बेहतर खरीद, लॉजिस्टिक्स और ब्राउनफील्ड विस्तार के लिए एक उत्प्रेरक हो सकती है, जो साथियों की तुलना में अर्निंग ग्रोथ को तेजी से बढ़ा सकती है. नए प्रबंधन द्वारा विकास योजनाएं और लागत बचत रणनीतियां स्टॉक प्रदर्शन के लिए प्रमुख ट्रिगर होंगी. ACC के पास उत्पादकता और दक्षता के मापदंडों में सुधार की बहुत बड़ी गुंजाइश है क्योंकि यह वर्तमान में अपने समकक्ष से पीछे है. अंबुजा और एसीसी के बीच तालमेल नए मालिकों द्वारा बेहतर तरीके से महसूस किया जा सकता है.
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सीमेंट उद्योग के लिए बिजली और ईंधन लागत (Petcoke सहित) के साथ लाइम स्टोन प्रमुख लागत कम्पोनेंट्स हैं. इसके अलावा, इंडस्ट्री हाई पावर और माल ढुलाई अधिक होने के कारण ऑपरेटिंग डायनेमिक्स कोयले / पेट कोक और कच्चे तेल की कीमतों / विनियमों से महत्वपूर्ण रूप से संचालित होती है. CY22E में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने माल ढुलाई की लागत में काफी बढ़ोतरी की है, जिसके परिणामस्वरूप डीजल की कीमतों में तेजी आई है.
3. State Bank of India (SBI)- ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, SBI एक फाइनेंशियल कन्ग्लामरेट है. इसकी विभिन्न सब्सिडियरी कंपनियों और JV कंपनियों के माध्यम से लगभग सभी वित्तीय उत्पादों में इसकी उपस्थिति है. SBI इस समय किसी भी लायबिलिटी साइड रिस्क से लगभग मुक्त है, इसके विशाल, ग्रैनुअल डिपॉजिट बेस और सरकार की बहुसंख्यक हिस्सेदारी है. अन्य पीएसयू बैंकों के विपरीत एसबीआई ने पिछले एक दशक में लोन या कम लागत वाली जमा राशि में हिस्सेदारी नहीं खोई है. भारतीय बैंकिंग इंडस्ट्री ने लोन ग्रोथ और एसेट क्वालिटी में सुधार दोनों के संदर्भ में एक हेल्दी सुधार देखा है.
ब्रोकरेज का कहना है कि एसेट क्वालिटी में अपेक्षा से अधिक गिरावट, लो क्रेडिट ग्रोथ, NIM में गिरावट, सहायक कंपनियों का कमजोर प्रदर्शन और बढ़ती यील्ड के कारण हाई एमटीएम लॉस बैंक की प्रॉफिटेबिलियी को प्रभावित कर सकती है.
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4. CPCL- चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CPCL) मनाली में 10.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (mtpa) की वर्तमान शोधन क्षमता के साथ अग्रणी पीएसयू रिफाइनिंग कंपनियों में से एक है. कंपनी पेट्रोलियम उत्पादों, लुब्रिकेंट्स और एडिटिव्स का उत्पादन करती है. CPCL अन्य उद्योगों को हाई क्वालिटी वाला फीडस्टॉक जैसे प्रोपलीन, बेहतर मिट्टी का तेल, ब्यूटिलीन, नेफ्था, पैराफिन वैक्स और सल्फर भी प्रदान करता है.
HDFC सिक्योरिटीज के मुताबिक, आर्थिक मंदी, तेल और गैस की कीमतों में अस्थिरता, ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) में गिरावट और तेल और गैस उद्योग में नियामक परिवर्तन भविष्य में इसकी ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं.
5. PNC Infratech- ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि सितंबर 22 को कंपनी की मौजूदा ऑर्डर बुक 19,200 रुपये से अधिक है, जो कंपनी को अगले 2-3 वर्षों में एक मजबूत रेवेन्यू देता है. नई HAM से सम्मानित परियोजनाओं को छोड़कर एक्सक्यूटेबल ऑर्डर बुक 2x FY22 राजस्व पर है. पिछली तिमाही के दौरान, कंपनी ने गाजियाबाद अलीगढ़ एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड में अपनी पूरी 35% हिस्सेदारी क्यूब हाईवे को बेचने का काम पूरा कर लिया है और पूंजी प्राप्त कर ली है.
ब्रोकरेज के मुताबिक, कंपनी बड़ी टाइम बाउंड प्रोजेक्ट्स में लगी हुई है. इस प्रकार, परियोजनाओं का समय पर निष्पादन एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में सामने आता है.
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6. IOCL- HDFC सिक्योरिटीज ने देश की सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) पर दांव लगाया है. उसका कहना है कि 11 रिफाइनरियों के साथ भारतीय ऑयल रिफाइनिंग और मार्केटिंग बिजनेस में एक स्थापित PSU है. इसकी रिफाइनिंग कैपेसिटी 80.6 MMT है जो भारत की रिफाइनिंग कैपिसिटी का 32% है और FY22 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स में लगभग 42% हिस्सेदारी रखता है. IOCL CPCL के साथ एक ज्वाइंट वेंचर के जरिए कावेरी बेसिन, नागापट्टिनम में 9-mmtpa रिफाइनरी भी स्थापित कर रहा है, जिसकी अनुमानित परियोजना लागत 31,580 करोड़ रुपये, जिसमें आईओसीएल और सीपीसीएल की संयुक्त रूप से 50% हिस्सेदारी होगी, जबकि बाकी 50% अन्य निवेशकों के पास होगी. आर्थिक मंदी, तेल और गैस की कीमतों में अस्थिरता और तेल और गैस उद्योग में नियामक परिवर्तन भविष्य में इसकी ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं.
7. Larsen & Toubro- L&T इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में दशकों के अनुभव के साथ भारत की प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी है. यह पब्लिक और प्रोइवेट दोनों सेक्टर्स में निवेश द्वारा संचालित कैपेक्स अपसाइकिल का प्रमुख लाभार्थी बनने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. Q2FY23 के लिए L&T समूह स्तर पर 51914 करोड़ रुपये मजबूत ऑर्डर इनफ्लो दर्ज किया है जो सालाना आधार पर 23% अधिक है. पब्लिक स्पेस, परमाणु ऊर्जा, सिंचाई, फेरस मेटल, हेल्थ, नवीकरणीय और रिफाइनरी जैसे कई सेक्टर्स से ऑर्डर मिले हैं.
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ब्रोकरेज का कहना है कि L&T ने हैदराबाद मेट्रो के विकास के लिए किए गए डेट को रिफाइनेंस किया है, जिससे अनुकूल ब्याज दर खर्च हो रहा है और वह मेट्रो नेटवर्क के रियल एस्टेट स्पेस के मोनेटाइजेशन की योजना बना रहा है और लोन के बोझ को कम करने में सक्षम होने के लिए सरकारी अनुदान की मांग कर रहा है, जो वर्तमान में 13,000 करोड़ रुपये है.
8. Power Fin. Corpn- ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, PFC सरकार के स्वामित्व वाली सबसे बड़ी एनबीएफसी (NBFC) है जो भारतीय बिजली क्षेत्र को फंड मुहैया कराती है. FY22 में कंपनी को भारत सरकार द्वारा 'महारत्न' का दर्जा दिया गया था, जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के लिए सर्वोच्च मान्यता है. मार्च-19 में PFC ने रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (REC) में भारत सरकार की 52.63% चुकता शेयर पूंजी का अधिग्रहण किया था.
लॉन्ग टर्म के लिए बिजली क्षेत्र का आउटलुक उज्ज्वल प्रतीत होता है. बड़ी लिक्विडिटी सपोर्ट, कई प्रस्तावित सुधार और सरकार की आक्रामक कैपेक्स योजना इस क्षेत्र को मजबूत विकास ट्रैक पर रखेगी. पावर मिनिस्ट्री ने हाल ही में पावर फाइनेंस कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक सेक्टर्स को लोन देने की मंजूरी दी है. पीएफसी इन नए क्षेत्रों को निवल मूल्य का 30% तक उधार दे सकता है.
9. RCF- आरसीएफ एक प्रमुख फर्टिलाइजर और केमिकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जिसकी 75% इक्विटी भारत सरकार के पास है. कंपनी Thal (रायगढ़ जिले) और ट्रॉम्बे (मुंबई के पास) में स्थित दो विनिर्माण सुविधाओं के साथ काम करती है. Thal यूनिट मुख्य रूप से यूरिया (Urea) के निर्माण पर केंद्रित है और इसके पास 2.00 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) यूरिया के निर्माण की क्षमता है. जबकि ट्रॉम्बे यूनिट 0.33 MMPTA की यूरिया क्षमता और 0.69 एमएमटीपीए की अन्य जटिल उर्वरक क्षमता के साथ काम करती है.
RCF (31.85% शेयर), कोल इंडिया, गेल और FCIL के साथ एक कोल गैसिफिकेशन आधारित फर्टिलाइजर कॉम्पलेक्स स्थापित कर रहा है, जिसमें 2200 एमटीपीडी अमोनिया संयंत्र और एफसीआईएल, तालचर, ओडिशा में 3850 एमटीपीडी यूरिया संयंत्र शामिल है. यूनिट में 'नीम' कोटेड प्रिल्ड यूरिया का 1.27 एमएमटीपीए का उत्पादन होगा और सितंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.
नैनो यूरिया: नैनो यूरिया से यूरिया के उपयोग में लगभग 50% तक की कमी आने की उम्मीद है. RCF ने 150 करोड़ रुपये की पूंजी लागत के साथ 75 KL प्रति दिन की क्षमता का एक तरल नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी के लिए इफको के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.
कंपनी का औद्योगिक उत्पाद प्रभाग प्रकृति में चक्रीय है. वैश्विक मांग और आपूर्ति, अन्य देशों से सस्ता आयात, इसके विकल्प की कीमतें और प्रमुख कच्चे माल की कीमतों के कारण कीमतें अस्थिर बनी हुई हैं. नतीजतन, सेगमेंट के लिए प्रॉफिट मार्जिन उत्पादों से जुड़ी अस्थिरता के लिए अतिसंवेदनशील है.
10. Zensar Tech- Zensar टेक्नोलॉजी एक मिड-साइज आईटी सॉफ्टवेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाएं और समाधान प्रदाता है, जिसके पास मैन्युफैक्चरिंग (हाईटेक और औद्योगिक), खुदरा, बीमा, बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं हैं. कंपनी मिशन-क्रिटिकल एप्लिकेशन, एंटरप्राइज एप्लिकेशन, बिजनेस इंटेलिजेंस और एनालिटिक्स, बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट और डिजिटल सेवाओं के लिए व्यापक सेवाएं प्रदान करती है. Zensar का ऑपरेशंस अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और दक्षिण अफ्रीका में है.
ब्रोकरेज का कहना है कि एट्रिशन के बढ़ते दबाव के बीच ग्रोथ के लिए लैटरल हायरिंग पर निर्भरता की वजह से जेनसर के मार्जिन पर दबाव देखा गया है. कंपनी ने अब अपने फ्रेशर हायरिंग प्रोग्राम में सुधार किया है, H2FY22 में 1,000 से अधिक फ्रेशर्स और H1FY23 में 450 जोड़े हैं. HDFC सिक्योरिटीज के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती, यूएस और यूरोप में मैक्रो अनिश्चितता, हाई एट्रिशन रेट, मार्जिन कॉन्ट्रैक्श, वीजा लागत और सख्त आव्रजन मानदंड प्रमुख चिंताएं हैं.
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
02:06 PM IST