शेयर बाजार में कोहराम- Sensex 1600 अंक से ज्यादा टूटा, Nifty 7 महीने के निचले स्तर पर
Sensex में भी दर्ज 30 कंपनियों में 29 कंपनियों के स्टॉक लाल निशान पर ट्रेड कर रहे थे. केवल एशियन पेंट्स ही हरे निशान पर कारोबार करता दिखाई दिया.
कहीं कोरोना वायरस तो कहीं तेल पर मचे घमासान का असर शेयर मार्केट (Share Market) पर साफ देखने को मिला है.
कहीं कोरोना वायरस तो कहीं तेल पर मचे घमासान का असर शेयर मार्केट (Share Market) पर साफ देखने को मिला है.
वैश्विक बाजारों में मंदी के रुख के चलते सेंसेक्स में भारी गिरावट देखने को मिली है. कहीं कोरोना वायरस तो कहीं तेल पर मचे घमासान का असर शेयर मार्केट (Share Market) पर साफ देखने को मिला है. सोमवार को सेंसेक्स (Sensex) की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई. सेंसेक्स 1,129.65 अंक गिरकर 36,446.97 अंक पर खुला. वहीं, निफ्टी (Nifty) 318.95 अंक की गिरावट के साथ 10,670.50 पर खुला.
1600 अंक से ज्यादा टूटा सेंसेक्स
सुबह 10.30 बजे सेंसेक्स में 4.28 फीसदी तक की गिरावट आ गई और सेंसेक्स 1600 अंक टूट गया. निफ्टी भी 4 फीसदी की गिरावट के साथ करीब 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. फिलहाल, निफ्टी 10,543 अंकों पर ट्रेड कर रहा है. Nifty सूचकांक में दर्ज 50 कंपनियों में से महज 4 स्टॉक ही हरे निशान पर ट्रेड कर रहे हैं, बाकि 46 स्टॉक भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं.
कौन शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट
निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट ONGC में देखने को मिली. ONGC करीब 11 फीसदी टूट गया. इसके अलावा VEDL (-10.27%), टाटा स्टील (-6.16%), टाटा मोटर्स (-5.60%), गेल (-5.43%) में भी बड़ी गिरावट आई है. टूटने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, RIL, पावरग्रिड, टाटा स्टील, L&T, SBI और टेक महिंद्रा भी शामिल हैं. एकमात्र सन फार्मा के शेयर में बढ़त देखने को मिली है.
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30 में से 29 शेयर टूटे
Sensex में भी दर्ज 30 कंपनियों में 29 कंपनियों के स्टॉक लाल निशान पर ट्रेड कर रहे थे. केवल एशियन पेंट्स ही हरे निशान पर कारोबार करता दिखाई दिया.
क्रूड में आई बड़ी गिरावट
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा करीब 30 प्रतिशत गिरकर 32.11 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया. एनर्जी मार्केट में प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच कीमतों को काबू में करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाने और इसके बाद प्रमुख निर्यातक सऊदी अरब का प्राइस वार छेड़ने से ये गिरावट आई है.
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ब्लूमबर्ग के मुताबिक, सऊदी अरब ने इसके जवाब में पिछले 20 साल में तेल के दामों में सबसे बड़ी कटौती की है. उसने एशिया के लिए अप्रैल डिलीवरी की कीमत 4-6 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिका के लिए सात अरब डॉलर प्रति बैरल घटा दी. अरैमको अपना अरैबियन लाइट तेल 10.25 डॉलर प्रति बैरल की दर से यूरोप को बेच रही है.
11:20 AM IST