चांदी की लगातार बढ़ रही चमक, सात साल बाद फिर 54000 रुपये किलो के पार पहुंची
सोने के अगस्त फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में पिछले सत्र से महज 6.15 डॉलर यानी 0.34 फीसदी की तेजी के साथ 1816.15 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव 1823.35 डॉलर प्रति औंस तक उछला.
कोरोनावायरस के समय में चांदी की कीमत में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. इंटरनेशनल मार्केट में तेज उछाल से भारतीय वायदा बाजार (Indian Futures Market) में चांदी का भाव सितंबर 2013 के बाद पहली बार 54000 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया. अगर कॉमेक्स पर भी चांदी के भाव को देखें तो यह वर्ष 2016 के बाद के सबसे ऊंचे लेवल पर चली गई. चांदी कॉमेक्स पर 20 डॉलर प्रति औंस पर बनी हुई थी. इसके उलट सोने के दाम में फिलहाल तेजी का ट्रेंड नहीं है.
इंटरनेशनल मार्केट में आई जोरदार तेजी से 20 जुलाई को कमोडिटी मार्केट के जानकार बताते हैं कि कोरोना काल में खान से चांदी की सप्लाई कम होने की आशंकाओं के बीच इसकी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. IANS की खबर के मुताबिक, कोरोना के कहर बीच औद्योगिक गतिविधियों में सुधार से चांदी की डिमांड में तेजी की संभावना बनी हुई है.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर 20 जुलाई को रात 8.54 बजे चांदी के सितंबर एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट में बीते सत्र की क्लोंजिंग से 1115 रुपए यानी 2.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,014 रुपए प्रति किलो पर कारोबार कर रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान चांदी का भाव एमएसीएक्स पर 54,130 रुपये प्रति किलो तक उछला, जोकि सितंबर 2013 के बाद का सबसे ऊंचा लेवल है. इससे पहले 9 सितंबर, 2013 को एमसीएक्स पर चांदी का भाव 54,507 रुपए प्रति किलो तक उछला था.
(रॉयटर्स)
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एमसीएक्स पर सोने के अगस्त फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में पिछले सत्र से महज 83 रुपए की तेजी के साथ 49,050 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले सोने का भाव कारोबार के दौरान 49,175 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला.
उधर, इंटरनेशनल मार्केट कॉमेक्स में चांदी के सितंबर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में पिछले सत्र से 2.24 प्रतिशत की तेजी के साथ 20.207 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि कारोबार के दौरान कॉमेक्स पर चांदी का भाव 20.297 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि 2016 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है.
सोने के अगस्त फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में पिछले सत्र से महज 6.15 डॉलर यानी 0.34 फीसदी की तेजी के साथ 1816.15 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव 1823.35 डॉलर प्रति औंस तक उछला.
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि सिल्वर इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि 2020 में चांदी की खदानों से सप्लाई सात प्रतिशत कम होगी, खासतौर से तब जब औद्योगिक मांग तकरीबन सामान्य रहेगी.
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कमोडिटी विश्लेषक अनुज गुप्ता कहते हैं कि वैश्विक स्तर पर औद्योगिक मांग के साथ-साथ देश में आभूषण में भी चांदी की मांग इस बार तेज रह सकती है, क्योंकि मानसून अच्छा है जिससे फसलों की पैदावार अच्छी रह सकती है और जब फसल अच्छी होती है तो आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में आभूषणों की मांग बढ़ती है.
07:50 AM IST