SEBI का बड़ा एक्शन: बच्चों की पत्रिका ‘चंदामामा' छापने वाली कंपनी के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई- जानें मामला
SEBI Ban: सेबी ने बच्चों की पत्रिका 'चंदामामा' (Chandamama) की प्रकाशक जियोडेसिक लिमिटेड (Geodesic Ltd) के तीन पूर्व शीर्ष कार्यकारियों को धन की हेराफेरी के लिए Security Markets में कारोबार से एक साल के लिए बैन कर दिया है.
SEBI Ban: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बच्चों की पत्रिका 'चंदामामा' (Chandamama) की प्रकाशक जियोडेसिक लिमिटेड (Geodesic Ltd) के तीन पूर्व शीर्ष कार्यकारियों को धन की हेराफेरी के लिए प्रतिभूति बाजार (Security Markets) में कारोबार से एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. सेबी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन लोगों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार से प्रतिबंधित किया गया है- उनमें जियोडेसिक की प्रबंध निदेशक रहीं किरण कुलकर्णी, कंपनी के पूर्व चेयरमैन पंकज कुमार और कंपनी के निदेशक और अनुपालन अधिकारी प्रशांत मुलेकर शामिल हैं. बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका चंदामामा की प्रकाशक चंदामामा इंडिया लिमिटेडए जियोडेसिक लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी थी.
सेबी ने सोमवार को जारी किए गए 56 पेज के आदेश में कहा कि इन लोगों 2008 में विदेशी निवेशकों से विमोच्य विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (redeemable Foreign Currency Convertible Bonds) के जरिये कंपनी द्वारा जुटाई गई 12.5 करोड़ डॉलर की राशि को इधर-उधर किया. यह राशि पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनियों सहित अन्य फर्मों में निवेश के उद्देश्य से जुटाई गई थी. वित्त वर्ष 2011-12 के लिए कंपनी की बैलेंस शीट भ्रामक वित्तीय आंकड़ों से भरा पड़ा था और कंपनी के फाइनेंशियल हेल्थ के संदर्भ में सही और वास्तविक आंकड़े नहीं दिखाता था.
सेबी के फोरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट में क्या निकला?
सेबी की ओर से नियुक्त फोरेंसिक ऑडिटर ने अपनी रिपोर्ट में संकेत दिया कि कंपनी की ओर से जटिल स्तर के लेनदेन को अंजाम दिया गया था और इस तरह के कृत्यों के पीछे कुलकर्णी, कुमार और मुलेकर थे, जो फर्म के प्रवर्तक और निदेशक थे. खातों में दिखाया गया कि इस धन को पहले कंपनी के विदेशी अनुषंगी कंपनियों- हांगकांग की जीटीएसएल और मॉरीशस की जियोडेसिक होल्डिंग लिमिटेड में लगाया गया, जिसे बाद में संदिग्ध स्थिति वाले अन्य कंपनियों में हेराफेरी कर भेजा गया था.
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सेबी ने सोमवार को पारित अपने 56 पेज के आदेश में कहा, ‘‘जो निवेश दर्शाया गया वह विदेशी अनुषंगी कंपनियों में किया गया था.’’ इन विदेशी अनुषंगी कंपनियों के खातों से इस निवेश को संदिग्ध स्थिति वाली अन्य विभिन्न कंपनियों में स्थानांतरित किया गया, इसलिए बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कंपनी का लिक्विडेशन हो गया. इसके बाद सेबी ने इन लोगों के प्रतिभूति बाजार में कारोबार पर रोक लगा दी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट के कंपनी रजिस्ट्रार की ओर से 2016 में एक पत्र मिलने के बाद सेबी ने इस मामले की जांच शुरू की थी. पत्र में सेबी को एचडीएफसी बैंक लिमिटेड बनाम जियोडेसिक के मामले में हाईकोर्ट की ओर से पारित आदेश के बारे में सूचित किया और आगे सेबी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय को फर्म के निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके बाद, बाजार नियामक ने नियामकीय मानदंडों के संभावित उल्लंघनों का पता लगाने के लिए जियोडेसिक के बही-खातों की जांच शुरू की. जांच अप्रैल, 2011 से मार्च, 2012 की अवधि के लिए की गई थी.
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06:59 PM IST