ZEEL इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में सेबी का बड़ा फैसला, तीन लोगों पर प्रतिबंध के साथ लगाया ₹90 लाख का जुर्माना
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रतिबंधित किए गए बिजल शाह, गोपाल रितोलिया और जतिन चावला पर 90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. उन्हें 45 दिनों के अंदर जुर्माना भरने के लिए कहा गया है.
जेईईएल भेदिया कारोबार मामले में सेबी ने तीन लोगों पर लगाया प्रतिबंध. (Image- Reuters)
जेईईएल भेदिया कारोबार मामले में सेबी ने तीन लोगों पर लगाया प्रतिबंध. (Image- Reuters)
मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ने ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के शेयर में इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) से संबंधित एक मामले में तीन लोगों को शेयर बाजार से दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रतिबंधित किए गए बिजल शाह, गोपाल रितोलिया और जतिन चावला पर 90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. उन्हें 45 दिनों के अंदर जुर्माना भरने के लिए कहा गया है.
ब्याज समेत रकम लौटाने का निर्देश
सेबी ने अपने आदेश में रितोलिया और चावला को गैरकानूनी ढंग से अर्जित क्रमश: 7.52 करोड़ रुपये और 2.09 करोड़ रुपये की राशि ब्याज समेत लौटाने का निर्देश भी दिया है. यह मामला जेडईईएल के शेयरों में भेदिया कारोबार से संबंधित है.
ये भी पढ़ें- बकरी पालन ने बदली इस शख्स की किस्मत, 2 महीने की ट्रेनिंग के बाद खड़ा कर दिया ₹10 लाख का बिजनेस
इनसाइडर ट्रेडिंग से कमाए करोड़ों
TRENDING NOW
सेबी ने एक बयान में कहा कि ZEEL में वित्तीय योजना और विश्लेषण, रणनीति और निवेशक संबंध के तत्कालीन प्रमुख बिजल शाह की अप्रकाशित संवेदनशील सूचना तक पहुंच थी. उसने यह जानकारी रितोलिया और चावला को दे दी जिसका इस्तेमाल कर दोनों ने क्रमश: 7.52 करोड़ और 2.09 करोड़ रुपये का लाभ कमाया.
सेबी के अनुसार, शाह को भेदिया कारोबार का जिम्मेदार नहीं माना गया लेकिन उसने अप्रकाशित संवेदनशील सूचना रितोलिया और चावला तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाई, जिसके कारण संबंधित नियमों का उल्लंघन हुआ.
ये भी पढ़ें- अपना बिजनेस शुरू करने के लिए ₹5 लाख दे रही है ये राज्य सरकार, ऐसे करें अप्लाई, जानिए जरूरी बातें
क्या होती है इनसाइडर ट्रेडिंग?
इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) किसी पब्लिक कंपनी के स्टॉक में किसी व्यक्ति द्वारा जिसके पास किसी भी कारण से उस स्टॉक के बारे में नॉन-पब्लिक, मैटेरियल इंफॉर्मेशन है, ट्रेडिंग किए जाने से संबंधित होती है. इनसाइडर ट्रेडिंग वैध भी हो सकती है और अवैध भी जो इस बात पर निर्भर करती है कि इनसाइडर कब ट्रेड करता है. यह तब अवैध होती है जब मैटेरियल इंफॉर्मेशन नॉन-पब्लिक ही होता है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
09:34 PM IST