सिर्फ 15 साल में इस फंड ने दिया मोटा रिटर्न, 10,000 रुपए का निवेश बन गया 55 लाख रुपए
अगर आप एक सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं तो आपको म्युचुअल फंडों के एसआईपी का रास्ता अपनाना चाहिए. जब भी बात शेयरों में निवेश की हो तो निवेशकों को मल्टीकैप फंडों का चयन करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मल्टीकैप फंड बाजार के सभी तरह की पूंजीकरण वाली कंपनियों को मिलाकर कई सेक्टरों में निवेश करते हैं, जिसका लाभ लंबी अवधि में निवेशकों को मिलता है. मल्टीकैप के आंकड़े बताते हैं कि अगर किसी ने 10 हजार रुपये मासिक का एसआईपी किया होगा तो वह 15 साल में बढकर 55,08,141.63 रुपये हो गया, जबकि कुल निवेश 18 लाख रुपये से कुछ अधिक का रहा है.
मल्टीकैप फंड बाजार के सभी तरह की पूंजीकरण वाली कंपनियों को मिलाकर निवेश करते हैं. (फोटो: pixabay)
मल्टीकैप फंड बाजार के सभी तरह की पूंजीकरण वाली कंपनियों को मिलाकर निवेश करते हैं. (फोटो: pixabay)
अगर आप एक सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं तो आपको म्युचुअल फंडों के एसआईपी का रास्ता अपनाना चाहिए. जब भी बात शेयरों में निवेश की हो तो निवेशकों को मल्टीकैप फंडों का चयन करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मल्टीकैप फंड बाजार के सभी तरह की पूंजीकरण वाली कंपनियों को मिलाकर कई सेक्टरों में निवेश करते हैं, जिसका लाभ लंबी अवधि में निवेशकों को मिलता है. मल्टीकैप के आंकड़े बताते हैं कि अगर किसी ने 10 हजार रुपये मासिक का एसआईपी किया होगा तो वह 15 साल में बढकर 55,08,141.63 रुपये हो गया, जबकि कुल निवेश 18 लाख रुपये से कुछ अधिक का रहा है.
वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के मल्टीकैप के प्रदर्शन को देखें तो 10 हजार रुपये मासिक एसआईपी 15 साल में 55,08,141.63 रुपये हो गया है. मतलब 13.63% फीसद CAGR की दर से इसने रिटर्न दिया है. इस फंड ने एक, पांच, सात, दस और 15 साल की अवधि में अच्छा रिटर्न दिया है. वहीं, इसी अवधि में अगर इसके बेंचमार्क यानी S&P बीएसई 500 टीआरआई से इसकी तुलना की जाए तो इसने 12.5 फीसदी सीएजीआर की दर से रिटर्न दिया है.
क्या होते हैं मल्टीकैप फंड
मल्टीकैप मूलरूप से ऐसे फंड होते हैं जिनमें कभी भी निवेश किया जा सकता है, क्योंकि ये बाजार के हर चक्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं. मल्टीकैप फंड लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप ही तरह की कंपनियों में अपने निवेश को डाइवर्सिफाइ करते हैं. तीनों कैटेगरी के अपने-अपने अवसर और जोखिम होते हैं, जिनको मल्टीकैप अपने हिसाब से समावेश करता है. सेबी के नियमों के मुताबिक, बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप होती हैं, जबकि उसके बाद मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियां होती हैं.
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फंड सलाहकारों के मुताबिक, निवेशकों को सभी तरह के मिले-जुले वाले पूंजीकरण के फंडों का चयन करना चाहिए और साथ ही उन्हें लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए. ICICI प्रूडेंशियल मल्टीकैप फंड का प्रबंधन एस नरेन करते हैं. उनके पास मजबूत रिसर्च टीम और प्रोसेस केंद्रित नजरिया होता है, जिससे फंड बेहतर प्रदर्शन करते हैं. मल्टीकैप फंड मूलरूप से ग्रोथ और वैल्यू स्टाइल से लाभ कमाते हैं. डाइवर्सिफाइड होने के अलावा इस तरह के पोर्टफोलियो में जोखिम कम होता है. इससे निवेशकों को एक स्थिर रिटर्न का अनुभव होता है.
वर्तमान में यह स्कीम ऑयल एवं गैस, मेटल्स, टेलीकॉम, पावर एवं कंज्यूमर ओरिएंटेड सेक्टरों का एक मिला-जुला पोर्टफोलियो है जो एक फेयर वैल्यूएशन पर उपलब्ध है. हाल में मिड कैप और स्मॉल कैप में गिरावट की वजह से यह सेक्टर लंबी अवधि के निवेश के लिए आकर्षक मूल्य पर आ गया है.
11:37 AM IST