HPCL शेयरधारकों के लिए कमाई का बंपर मौका, हर शेयर पर मिलेगा 63 रुपए का फायदा!
तिमाही नतीजे घोषित करने के बाद कंपनी ने ऐलान किया कि वो अपने बायबैक प्रोग्राम के तहत 10 करोड़ शेयर निवेशकों से वापस खरीदेगी. कंपनी अपने मौजूदा भाव से काफी ऊपर बायबैक करेगी.
कंपनी के बोर्ड ने प्रति शेयर 250 रुपए के रेट पर शेयर बायबैक करने के फैसले को मंजूरी दी है. (Zeebiz)
कंपनी के बोर्ड ने प्रति शेयर 250 रुपए के रेट पर शेयर बायबैक करने के फैसले को मंजूरी दी है. (Zeebiz)
HPCL Buyback Plan: हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने शेयरधारकों को कमाई के एक बड़ा मौका दिया है. कंपनी अपने शेयरों का बायबैक करने जा रही है. तिमाही नतीजे घोषित करने के बाद कंपनी ने ऐलान किया कि वो अपने बायबैक प्रोग्राम के तहत 10 करोड़ शेयर निवेशकों से वापस खरीदेगी. कंपनी अपने मौजूदा भाव से काफी ऊपर बायबैक करेगी. फिलहाल शेयर का भाव 200 रुपए. बायबैक के ऐलान के साथ ही शेयर में 8 फीसदी तक की तेजी आई है.
कंपनी के बोर्ड ने प्रति शेयर 250 रुपए के रेट पर शेयर बायबैक करने के फैसले को मंजूरी दी है. मौजूदा भाव से करीब 50 रुपए ज्यादा पर कंपनी बायबैक करेगी. हालांकि, कंपनी ने जब ऐलान किया तो शेयर का भाव 187 रुपए के आसपास था. मतलब सीधे तौर पर शेयरधारकों को 63 रुपए का फायदा हो रहा है. मार्केट की भाषा में कहें तो निवेशकों को 34 फीसदी का रिटर्न मिलेगा.
2500 करोड़ का बॉयबैक
कंपनी ने मौजूदा भाव के हिसाब से 34 फीसदी प्रीमियम पर शेयर बायबैक करने का फैसला किया है. HPCL शेयरधारकों से 250 रुपए के मूल्य पर 10 करोड़ शेयर खरीदेगी. इसका मतलब है कि कंपनी 2500 करोड़ रुपए मूल्य का शेयर बायबैक करेगी. यह कंपनी के कुल इक्विटी शेयर का 6.56 फीसदी है. अगर आपके पास भी HPCL के शेयर हैं तो कंपनी के इस फैसले से आपकी भी बढ़िया कमाई हो सकती है.
क्या होता है बायबैक?
बायबैक का मतलब जब कोई कंपनी अपने शेयरों को बाजार से वापस खरीदती है. आप इसे IPO का उलट भी मान सकते हैं. बायबैक की प्रक्रिया पूरी होने पर इन शेयरों का वजूद खत्म हो जाता है. बायबैक के लिए मुख्यत: दो तरीकों-टेंडर ऑफर या ओपन मार्केट का इस्तेमाल किया जाता है.
कब किया जाता है बायबैक?
कंपनी के पास कैश फ्लो ज्यादा होने पर कंपनी अपने ही शेयरों को वापस खरीदती है यानी बायबैक करती है. कंपनी कभी भी बाजार में अपना बायबैक ला सकती है. इसके लिए कोई निर्धारित समय या अवधि नहीं होती. बायबैक इसलिए किया जाता है, क्योंकि इससे कंपनी में प्रमोटर की होल्डिंग बढ़ जाती है.
क्यों करती हैं बायबैक?
कंपनी की बैलेंसशीट में कैश ज्यादा होने को अच्छा नहीं माना जाता. इसलिए कंपनी अपने इस कैश को शेयरों में बदल देती है. अतिरिक्त कैश को शेयर बायबैक में इस्तेमाल कर लिया जाता है. सबसे अहम प्वाइंट यह है कि कंपनी को कई बार लगता है कि उसके शेयर की कीमत (अंडरवैल्यूड) कम है. इसलिए बायबैक के जरिए उसे बढ़ाने की कोशिश की जाती है.
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कंपनी या निवेशक किसे होता है फायदा?
बायबैक का फायदा कंपनी और निवेशक दोनों को मिलता है. कंपनी को ज्यादातर मामलों में कोई नुकसान नहीं होता. बल्कि के कंपनी के नियंत्रण और प्रोमोटर्स होल्डिंग बढ़ाने में फायदेमंद होता है. निवेशकों के लिए ज्यादातर मामलों में यह फायदा वाला होता है. लेकिन, कई बार कंपनियां जान बूझकर कम भाव पर बायबैक करती हैं, जिसमें निवेशकों को घाटा होता है.
कंपनी के शेयर पर कितना असर?
बायबैक से कंपनी के शेयर पर कोई खास असर नहीं होता है. हालांकि, बाजार में उसके शेयरों की संख्या घट जाती है. प्रति शेयर आय (Earning Per Share) बढ़ती है. शेयर का PE भी बढ़ता है. लेकिन, बायबैक के कारण कंपनी के कारोबार में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं आता.
11:45 AM IST