Gold में पैसा लगाने से लग रहा है डर? अपनाएं ये खास तरीका, रहेंगे फायदे में
इक्विटी में निवेशकों को पिछले कुछ महीनों में जमकर रिटर्न मिला है. इसी वजह से निवेशक अब सेफ माने जाने वाले एसेट क्लास गोल्ड की बजाए इक्विटी की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
पिछले साल मार्च के भाव से सोना अभी भी करीब 22 हजार रुपये बढ़त पर ट्रेड कर रहा है. ऐसे में निवेशकों को डर है कि इसमें गिरावट आ सकती है. (reuters)
पिछले साल मार्च के भाव से सोना अभी भी करीब 22 हजार रुपये बढ़त पर ट्रेड कर रहा है. ऐसे में निवेशकों को डर है कि इसमें गिरावट आ सकती है. (reuters)
Gold Prices: दुनियाभर की इकोनॉमी में सुधार होने के संकेतों से ग्लोबल इक्विटी बाजरों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. इक्विटी में निवेशकों को पिछले कुछ महीनों में जमकर रिटर्न मिला है. इसी वजह से निवेशक अब सेफ माने जाने वाले एसेट क्लास गोल्ड की बजाए इक्विटी की ओर आकर्षित हो रहे हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार Gold ETFs से निवेशकों ने 7 महीने तक लगातार निवेश के बाद जुलाई में पैसे निकाले हैं. असल में सोने की कीमत MCX पर फिर 48 हजार के करीब पहुंच रही है. वहीं निवेशक अपना फंड आकर्षक रिटर्न वाले इंस्ट्रूमेंट्स इक्विटी में ट्रांसफर कर रहे हैं. इससे एक डर बना है कि सोना यहां से टूट सकता है. हालांकि एक्सपर्ट की राय इससे अलग है.
सोने के सपोर्ट में कई फैक्टर
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि लंबी अवधि का अगर नजरिया है तो सोने की कीमतों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. भले ही शॉर्ट टर्म में सोने पर दबाव हो, इसमें लंबी अवधि में तेजी का ट्रेंड जारी रहने के लिए कई फैक्टर बाजार में मौजूद हैं. उनका कहना है कि कोरोना वायरस के मामले पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं. यूएस में जो डाटा आए हैं, उन्हें देखकर लगता है कि ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी हो सकती है. वहीं जियो पॉलिटिकल टेंशन भी बढ़ा है. महंगाई को लेकर चिंता कायम है, जो सोने के लिए बड़ा सपोर्ट है.
धीरे धीरे इकोनॉमी ओपन हो रही है तो ज्वैलरी की डिमांड भी बढ़ रही है. दूसरी ओर इक्विटी मार्केट का वैल्युएशन अब बहुत ज्यादा हो चुका है, यहां से एक करेक्शन देखने को मिल सकता है. ऐसे में लंबी अवधि के लिए सोने का आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है. अगले कुछ महीनों में यह 52 हजार रुपये की रेंज दिखा सकता है.
45 हजार से 46 हजार के बीच खरीदें सोना
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केडिया का कहना है कि शॉर्ट टर्म में सोने पर कुछ दबाव है. लेकिन सोने के लिए 45 हजार रुपये के भाव पर मजबूत सपोट्र है. सोना वापस 45 हजार से 46 हजार की रेंज में आए तो खरीदना चाहिए. उनका कहना है कि पिछले साल 5 महीने के अंदर सोने में 30 हजार रुपये की तेजी आने से लोगों की उम्मीदें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं. लेकिन वैसी तेजी की उम्मीद बार बार नहीं की जा सकती है.
इस तरीके से कम कर सकते हैं रिस्क
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि सोने में अगर गिरावट का डर लग रहा है तो रिस्क कम करने के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग का तरीका अपना सकते हैं. ऑप्शन ट्रेडिंग में हेजिंग का विकल्प होता है, जिससे रिस्क कम होता है. यह इंश्योरेंस की तरह है और इसमें कुछ प्रीमियम चुकाकर संभावित नुकसान का कवर मिल जाता है. उदाहरण के तौर पर वायदा में आप गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं. लेकिन सोने का भाव 2000 रुपये टूट जाता है तो एक लॉट पर आपको 2 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने पुट ऑप्शन खरीदकर हेजिंग करते हैं तो मामूली प्रीमियम चुकाकर यह नुकसान घटा सकते हैं. अभी गोल्ड में 47500 रुपये के भाव का प्रीमियम 630 रुपये चल रहा है.
01:35 PM IST