कमोडिटी बाजार : चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना, अगले साल भी नहीं बढ़ेंगे दाम
भारत में कुल चीनी की खपत लगभग 250 लाख टन की है. कुल स्टॉक में से अगर इस खपत को कम कर दिया जाए तब भी भारत में चीनी का भंडार 150 लाख टन का रहेगा.
अगर चीनी की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण नहीं हो तो, इसके दाम और नीचे आ सकते हैं.
अगर चीनी की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण नहीं हो तो, इसके दाम और नीचे आ सकते हैं.
वर्ष 2018 में चीनी के दामों में 8 से 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यही हाल आने वाले समय में भी बना रहेगा. यानी 2019 में भी चीनी के दामों में कोई इजाफा नहीं होगा. इसलिए यह खबर चीनी उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी और चीनी कारोबारियों के लिए थोड़ी मुश्किलभरी साबित होगी.
ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के मुताबिक, अभी देश में चीनी का स्टॉक 103 लाख टन का है. और इस साल चीनी का उत्पादन 300 लाख टन होने का अनुमान है. हालांकि चीनी उत्पादन के बारे में सही आंकड़ा जनवरी के तीसरे हफ्ते में जारी होगा, फिर भी एक अनुमान के मुताबिक, चीनी का उत्पादन लगभग 300 लाख टन रहेगा. इस तरह चीनी का कुल स्टॉक 400 लाख टन से भी ऊपर हो जाएगा.
250 लाख टन की है घरेलू खपत
ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के मुताबिक, भारत में कुल चीनी की खपत लगभग 250 लाख टन की है. कुल स्टॉक में से अगर इस खपत को कम कर दिया जाए तब भी भारत में चीनी का भंडार 150 लाख टन का रहेगा. अगर सरकार इसमें से 50 लाख टन चीनी का निर्यात भी करती है तो स्टॉक 100 लाख टन हो जाएगा. इस तरह भारत में चीनी की उपलब्धता खपत के मुकाबले ज्यादा ही रहेगी, जिसके चलते चीनी के दामों में किसी तरह की तेजी नहीं आएगी.
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खपत के मुकाबले सप्लाई ज्यादा
ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के मुताबिक, अगर चीनी की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण नहीं हो तो, इसके दाम और नीचे आ सकते हैं. क्योंकि ग्लोबली चीनी सप्लाई मांग के मुकाबले कहीं ज्यादा है.
किसानों को फायदा
एसोसिएशन का कहना है कि चीनी की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण होने का सीधा फायदा गन्ना किसानों को मिल रहा है. चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसनों को समय पर भुगतान हो रहा है. किसी समय में चीनी मिलों पर किसानों का कभी 300 करोड़ से अधिक का बकाया रहता था, वह इस समय महज 85 करोड़ तक आ गया है.
12:04 PM IST