कोरोना में स्टार्टअप बूम! 180 दिन में 10 हजार स्टार्टअप लिस्ट, लाखों लोगों को मिली जॉब
Startup Boom in Corona Pandemic: कोरोना काल में भारत में स्टार्टअप्स में बूम देखने को मिल रहा है.
(Representational Image)
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Startup Boom in Corona Pandemic: कोरोना काल में भारत में स्टार्टअप्स में बूम देखने को मिल रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 10,000 स्टार्टअप को लिस्ट होने में महज 180 दिन का समय लगा हैं. स्टार्टअप्स के मामले में भारत पूरी दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस योजना के शुरू होने के 808 दिनों में ही 10,000 से अधिक स्टार्टअप जुड़ पाए थे. योजना के पहले वर्ष 2016-2017 में कुल 743 स्टार्टअप्स को मान्यता मिली थी. जबकि साल 2020-2021 में अकेले 16,000 से अधिक स्टार्टअप्स को सरकार ने लिस्ट किया, जो भारत के बेहतर और मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम को दर्शाता है. दूसरी ओर, इन स्टार्टअप्स के जरिए लाखों लोगों को रोजगार भी मिला है. वर्ष 2020-21 के दौरान सरकार से लिस्टेड स्टार्टअप ने करीब 1.7 लाख नौकरियां उपलब्ध कराईं.
कोरोना काल में टेक स्टार्टअप को फायदा
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) गुजरात के को-चेयर सुनील पारेख के मुताबिक, कोरोना में ऑनलाइन के ट्रेंड ने जोर पकड़ा है, जिसका फायदा टेक स्टार्टअप को हुआ. कोरोना में रुकी फंडिंग सितंबर के बाद दोबारा शुरू हो गई, जिससे उनकी ग्रोथ को बढ़ावा मिला है. छोटी इंडस्ट्रीज या उद्योग-धंधे भी टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं, जिसके चलते टेक-स्टार्टअप का काम और बढ़ सकता है. पीएम मोदी ने 16 जून 2016 को स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी.
इस स्कीम का मकसद स्टार्टअप कल्चर को प्रमोट करना और देश में इनोवेशन व इंटरप्रेन्योरशिप के लिए एक बेहतर इकोसिस्टम डेवलप करना था. डिपार्टमेंट फार प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) स्टार्टअप स्कीम के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है. 3 जून, 2021 तक, डीपीआईआईटी की ओरसे 50,000 स्टार्टअप को मान्यता दी गई है, जिनमें से 19,896 स्टार्टअप को 1 अप्रैल, 2020 के बाद मान्यता मिली है.
623 जिलों तक हुआ है विस्तार
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स्टार्टअप इंडिया स्कीम के साथ लिस्टेड स्टार्टअप का विस्तार अब 623 जिलों तक हो गया है. इस समय देश के हर राज्य में कम से कम एक स्टार्टअप है. देश के 30 से अधिक (राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर) ने स्टार्टअप्स की इस सीरीज को समर्थन देने के लिए स्पेशल स्टार्टअप पॉलिसी की भी घोषणा की है. इस लिस्ट में महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात के स्टार्टअप्स की संख्या सबसे ज्यादा है. इस दौरान सबसे ज्यादा फूड प्रोसेसिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, एप्लीकेशन डेवलपमेंट, आईटी कंसल्टेंसी और कॉमर्शियल सर्विसेज के क्षेत्र में स्टार्टअप रजिस्टर्ड हुए हैं. अहम बात यह है कि देश में शुरू हुए 45 फीसदी स्टार्टअप ऐसे हैं, जिनकी लीडरशिप महिला इंटरप्रोन्योर के हाथ में है.
रोजगार के अवसर बने
डीपीआईआईटी के जरिए स्टार्टअप को फंडिंग भी की जा रही है. 10,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स स्कीम और 945 करोड़ रुपये के स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) के जरिए स्टार्टअप्स के लिए फंड जुटाने के अवसर बढ़े हैं. वहीं, रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स ने देश के रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं. जिसमें प्रति स्टार्टअप औसतन 11 कर्मचारियों के साथ 48,093 स्टार्टअप्स की ओर से 5,49,842 नौकरियों के अवसर पैदा किए गए. साल 2020-21 की अवधि में रजिस्टर्ड स्टार्टअप ने करीब 1.7 लाख नौकरियां उपलब्ध कराईं.
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06:14 PM IST