Byju’s ने किया करीब 500 लोगों का Layoff, सबको फोन कर के कहा जा रहा- 'अब आप कंपनी का हिस्सा नहीं'
पिछले कुछ वक्त से नकदी संकट से जूझ रहे BYJU’S ने एक बार फिर से बड़ी छंटनी (Layoff) की है. इस बार करीब 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. बता दें कि पिछले काफी दिनों से कंपनी ने अपने सारे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) पर भेज दिया था.
पिछले कुछ वक्त से नकदी संकट से जूझ रहे BYJU’S ने एक बार फिर से बड़ी छंटनी (Layoff) की है. इस बार करीब 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. बता दें कि पिछले काफी दिनों से कंपनी ने अपने सारे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) पर भेज दिया था. इस कदम के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि अभी एक और बड़ी छंटनी हो सकती है. वहीं एक दिन पहले ही कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक ईमेल भेजते हुए सूचित किया था कि एक बार फिर से उनकी सैलरी देने में देरी हो रही है, क्योंकि राइट्स इश्यू से जुटाया गया फंड अभी तक ब्लॉक है.
बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग के तहत किया जा रहा ऐसा
जब जी बिजनेस ने कंपनी के प्रवक्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि कंपनी बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग के फाइनल स्टेज में है. बता दें कि इस बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग की घोषणा पिछले साल अक्टूबर के महीने में की गई थी, ताकि ऑपरेटिंग स्ट्रक्चर को आसान बनाते हुए लागत को घटाया जा सके और बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट किया जा सके.
वहीं दूसरी ओर प्रवक्ता ने इस बार पर भी जोर दिया कि कंपनी नकदी के संकट से जूझ रही है, क्योंकि उसके 4 विदेशी निवेशकों से कंपनी का विवाद चल रहा है. कंपनी का दावा है कि कि इन निवेशकों की वजह से ही कंपनी राइट्स इश्यू से जुटाए गए पैसों को इस्तेमाल नहीं कर पा रही है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि नकदी संकट की वजह से पैदा हुए हालातों को चलते ये सब हो रहा है, जिसका कंपनी का बेहद खेद है.
कितने लोग निकाले, इसका आंकड़ा नहीं दिया
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कंपनी के प्रवक्ता की बात से एक बात तो साफ है कि कंपनी ने बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग के तहत बहुत से कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, लेकिन इसका असर कितने लोगों पर होगा, इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह आंकड़ा 500 तक हो सकता है. बता दें कि पिछले 2-3 सालों में कंपनी करीब 10,000 लोगों को नौकरी से निकाल चुकी है.
फोन कर बोला, अब आप कंपनी का हिस्सा नहीं
बताया जा रहा है कि बायजू से निकाले जाने वाले कर्मचारियों को कंपनी के एचआर की तरफ से फोन कर के बताया जा रहा है कि अब वह कंपनी का हिस्सा नहीं हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि निकाले जाने वाले कर्मचारियों को ना तो परफॉर्मेंस इम्प्रूवेंट प्लान यानी पीआईपी दिया गया ना ही उन्हें कोई नोटिस दिया गया, बल्कि तत्काल प्रभाव से उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया है.
लगातार दूसरे महीने रोकी सैलरी
नकदी संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूज़ (Byju's) ने एक बार फिर से अपने कर्मचारियों को सैलरी देने में देरी कर दी है. यह लगातार दूसरा महीना है, जब कर्मचारियों की सैलरी रोकी गई है. कंपनी ने कहा है कि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई राशि वर्तमान में कुछ अहम निवेशकों के "आदेश पर" एक अलग खाते में बंद है, जिससे वेतन जारी करने में दिक्कत आ रही है. बता दें कि पिछले महीने भी बायजूज़ के संस्थापक और सीईओ बायजू रविंद्रन ने यही तर्क दिया था.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक सोमवार को कंपनी ने कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा है. इसमें लिखा है- 'हमें यह बताते हुए बेहद खेद है कि एक बार फिर आपकी सैलरी मिलने में देरी होगी. हमें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और हम इंतजार कर रहे हैं कि फैसला हमारे हक में आए और हम राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई गई राशि का इस्तेमाल करते हुए नकदी संकट से निपट सकें.'
स्टाफ को भेजे पत्र में आगे लिखा है- हम एक दूरे तरीके से कुछ क्रेडिट लेने की तैयारी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपको 8 अप्रैल तक सैलरी दी जा सके. जैसे ही राइट्स इश्यू से जुटाए गए फंड से प्रतिबंध हटेगा, हम सैलरी से जुड़े अपने सारे वादे पूरे करने में समर्थ होंगे.
कर्मचारियों का कर दिया गया वर्क फ्रॉम होम
संकट में फंसी एडटेक कंपनी बायजू (Byju's) ने कुछ समय पहले ही अपने सभी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह दिया था. नकदी की कमी से जूझ रही कंपनी ने देश भर में अपने कार्यालयों को खाली कर दिया है. कंपनी ने केवल बेंगलुरु स्थित मुख्यालय को अपने पास रखा है. कार्यालय छोड़ने का कदम बायजू के भारत के सीईओ अर्जुन मोहन के नकदी बचाने के पुनर्गठन अभ्यास का हिस्सा है.
04:35 PM IST