इन 5 तरीकों से सक्सेसफुल आंत्रप्रेन्योर मैनेज करते हैं अपना टाइम, वर्क-लाइफ बैलेंस का उठाते हैं मजा
एक सफल बिजनेस (Business) खड़ा करने के लिए सिर्फ हार्ड वर्क ही नहीं, बल्कि डेडिकेशन की भी जरूरत होती है. इसके लिए यह भी जरूरी होता है कि टाइम मैनेजमेंट (Time Management) किया जाए और वर्क-लाइफ-बैलेंस का ध्यान रखा जाए.
एक सफल बिजनेस (Business) खड़ा करने के लिए सिर्फ हार्ड वर्क ही नहीं, बल्कि डेडिकेशन की भी जरूरत होती है. इसके लिए यह भी जरूरी होता है कि टाइम मैनेजमेंट (Time Management) किया जाए और वर्क-लाइफ-बैलेंस का ध्यान रखा जाए. अगर ये नहीं किया जाएगा तो कोई भी आंत्रप्रेन्योर सफल नहीं हो पाएगा, उल्टा वह परेशान होकर सब कुछ छोड़ देगा. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 टिप्स, जिनका इस्तेमाल कर के सफल आंत्रप्रेन्योर्स अपना टाइम मैनेज करते हैं और साथ ही वर्क लाइफ बैलेंस (Work Life Balance) पर ध्यान दे पाते हैं.
1- गोल सेट करना है और प्राइओरिटीज तय करना
सफल बिजनेस के लिए सबसे जरूरी होता है गोल सेट करना और फिर उसके हिसाब से प्राइओरिटीज तय करना. आपको तय करना होगा कि पहले क्या करना है और बाद में क्या. गोल सेट करते वक्त भी स्पष्टता होनी जरूरी है. जैसे सेल्स बढ़ाने का गोल तय करने के बजाय आपको तय करना चाहिए कि एक तिमाही में 5 या 10 फीसदी सेल्स बढ़ानी है. साथ ही यह भी तय करना चाहिए कि उसके लिए आपको क्या करना होगा, कैसी स्ट्रेटेजी बनानी होगी और क्या प्लान ऑफ एक्शन रहेगा. इस तरह जब सब कुछ स्पष्ट रहेगा तो आप अपने समय को अच्छे से मैनेज कर पाएंगे. साथ ही इससे आपको वर्क लाइफ बैलेंस का भी फायदा, मिलेगा आपके काम की प्राइओरिटीज तय रहेंगी.
2- काम को आउटसोर्स करना और दूसरों को डेलिगेट करना
अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर वह हर वक्त कड़ी मेहनत से काम करते रहेंगे, तभी बिजनेस सफल होगा. दरअसल, सफल बिजनेस के लिए हर वक्त काम करने के बजाय ये समझना जरूरी है कि किस से क्या काम करवाना है. आपको ये तय करना होगा कि कौन सा काम कौन सी टीम अच्छे से कर सकती है और फिर एक डेडलाइन के साथ काम उसे सौंप देना चाहिए. इस तरह आपका समय बचेगा और आप दूसरी बड़ी जिम्मेदारियों से निपट सकेंगे. कई काम तो आजकल आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस से होने लगे हैं, तो उनमें अपना कीमती समय बिल्कुल ना बर्बाद करें.
3- अलग-अलग काम के लिए तय कर लें टाइम
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सबसे पहले तो आपको ये तय करना चाहिए कि आपको क्या-क्या काम करना है. उसके बाद हर काम के लिए उसके हिसाब से एक टाइम तय कर लेना चाहिए. उसी तय समय में एक काम को खत्म करें और फिर दूसरे काम पर लग जाए. दो कामों के बीच में एक छोटा ब्रेक भी लें, ताकि उस दौरान आप अपने शरीर और दिमाग को थोड़ा आराम दे सकें. मल्टीटास्किंग के चक्कर में ना पड़ें, एक वक्त पर एक ही काम करें तो आप उसे समय से बहुत जल्दी और ज्यादा बेहतर तरीके से खत्म कर सकते हैं.
4- ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचें
टाइम मैनेजमेंट में सबसे बड़ी दिक्कत तब आती है जब आपके काम के बीच में कुछ ध्यान भटकाने वाली चीज आ जाती है. एक उदाहरण के लिए अगर आप शांति से काम कर रहे हों और अचानक से ऑफिस के किसी कोने से तेज शोर सुनाई देता है तो आपका सारा ध्यान उधर चला जाएगा. जिससे आपका ध्यान काम से हटने लगेगा. इससे दिक्कत ये होगी कि आप अपने वक्त को समय से खत्म नहीं कर पाएंगे. अगर काम समय से खत्म नहीं होता है तो मतलब आपका टाइम मैनेजमेंट बिगड़ जाएगा, जिसका सीधा असर आपके वर्क लाइफ बैलेंस पर दिखेगा.
5- हेल्दी वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखें
शुरुआत से ही अपने काम और पर्सनल लाइन के बीच सीमाएं तय कर लें. ऑफिस के वक्त में पर्सनल लाइफ से दूर रहें और जब परिवार को वक्त देने का समय हो तो ऑफिस को किनारे रख दें. अक्सर बहुत सारे आंत्रप्रेन्योर अपनी पर्सनल लाइफ दाव पर लगाकर सफल बिजनेस खड़ा करने की कोशिश करते हैं. नतीजा ये होता है कि ना बिजनेस ही सफल हो पाता है ना ही पर्सनल लाइफ सही से चलती है. खाने-पीने का भी सही ध्यान रखना चाहिए. समय से सोना, समय से उठना, कसरत करना, हर चीज पर ध्यान देना जरूरी है.
02:39 PM IST