ट्रेन के किराए पर रेल मंत्री ने संसद में दिया बड़ा अपडेट, रेलगाड़ियों के हॉल्ट खत्म करने का बताया कारण
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में बताया कि किराए को निर्धारित करने के लिए समिति गठित करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. यात्री टिकटों पर सरकार ने दी है 59,837 करोड़ रुपए की सब्सिडी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा है कि रेल किराया निर्धारित करने के लिए समिति गठित करने का कोई प्रस्ताव अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. रेल मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. साथ ही रेल मंत्री ने ये भी बताया कि विभिन्न स्टेशनों और ‘हॉल्ट’ पर रेलगाड़ियों का ठहराव समाप्त किए जाने का कोविड महामारी से कोई संबंध नहीं है. यह फैसला पूरी तरह से रखरखाव एवं सुरक्षा से जुड़ा है.
रेल मंत्री ने कहा, किराए पर समिति गठन करने का कोई प्रस्ताव नहीं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में बताया कि कहा कि विभिन्न चैनल से प्राप्त जानकारी के आधार पर यात्री किरायों को युक्तिसंगत बनाना सतत एवं चालू प्रक्रिया है. इस समय, रेल किराया निर्धारित करने के लिए समिति गठित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. मंत्री ने कहा कि किराया सहित विभिन्न यात्री संबंधी नीतियों के संबंध में विभिन्न मंचों, जैसे- यात्री संघ, स्टेशन, मंडल, क्षेत्रीय स्तरों पर गठित सलाहकार समितियों आदि के माध्यम से निरंतर फीडबैक प्राप्त होती रहती है.
2019-20 में टिकटों पर दी है 59,837 करोड़ रुपए की सब्सिडी
रेल मंत्री ने सदन में कहा कि भारतीय रेल विभिन्न वर्गों के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न श्रेणियों की रेल सेवाओं का परिचालन करती है. इसके अलावा, यह समाज के सभी वर्गों को किफायती सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करती है. रेल मंत्री ने कहा,‘साल 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. यह रेल में यात्रा करने वाले प्रत्येक यात्री के लिए औसतन 53 प्रतिशत की रियायत के बराबर है. यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए लागू है.’
हॉल्ट खत्म करने का कोविड महामारी से संबंध नहीं, नौ साल में बिछायी 21 हजार किमी पटरी
TRENDING NOW
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि विभिन्न स्टेशनों और ‘हॉल्ट’ पर रेलगाड़ियों का ठहराव समाप्त किए जाने का कोविड महामारी से कोई संबंध नहीं है और यह फैसला पूरी तरह से रखरखाव एवं सुरक्षा से जुड़ा है. वैष्णव ने कहा कि सुरक्षा एवं अन्य जरूरतों के मद्देनजर रेल पटरियों के रखरखाव की जरूरत होती है और उसे ध्यान में रखते हुए यह कठिन फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि इस फैसले से यात्रियों को असुविधा हुई है लेकिन विभिन्न जरूरतों के मद्देनजर यह आवश्यक फैसला था.
रेल मंत्री ने कहा कि पर्याप्त रखरखाव नहीं होने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है.रेल मंत्री ने कहा कि इस सरकार का जोर यात्रियों की सुरक्षा के साथ सुविधाएं बढाने एवं नयी पटरियां बिछाने पर रहा है और पिछले नौ साल में करीब 21,000 किलोमीटर पटरी बिछायी गयी है. उन्होंने कहा कि क्षमता बढ़ने के साथ ही नयी ट्रेन शुरू की जाएंगी जिससे यात्रियों को सहूलियतें होंगी.
09:45 PM IST