बिजली और अन्य जरूरी सामान हो सकते हैं महंगे, रेलवे के सामने आई बड़ी मजबूरी
भारतीय रेलवे ने मालगाड़ी के नए डिब्बों के लिए बड़ा ऑर्डर दिया था, लेकिन उसे टाइम से उन वैगन की डिलिवरी नहीं मिल पाई.
मार्च 2019 तक 9,594 वैगन की आपूर्ति होने की उम्मीद है. (फाइल फोटो)
मार्च 2019 तक 9,594 वैगन की आपूर्ति होने की उम्मीद है. (फाइल फोटो)
भारतीय रेलवे (Indian railway) के सामने बड़ी मजबूरी आ पड़ी है. उसने मालगाड़ी के नए डिब्बों (Wagon) के लिए बड़ा ऑर्डर दिया था, लेकिन उसे टाइम से उन वैगन की डिलिवरी नहीं मिल पाई. रेल डिब्बों की डिलिवरी नहीं होने से रेलवे को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इससे आने वाले समय में रेलवे से माल ढुलाई पर असर पड़ सकता है. रेलवे हमारी रोजमर्रा के ढेरों उत्पादों की ढुलाई एक क्षेत्र से दूसरी जगह करता है, खासकर कोयले की. देश में ज्यादा पॉवर स्टेशन कोयले पर निर्भर हैं. अगर कोयले की सप्लाई रुकती है तो इससे बिजली उत्पादन पर असर पड़ेगा. बिजली महंगी होने की आशंका रहेगी.
अप्रैल में दिए गए थे ऑर्डर
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि वैगन मैन्युफैक्चरिंग रेलवे के लिए मुख्य सहारा है क्योंकि इनकी 90 फीसदी जरूरतों की पूर्ति निजी क्षेत्र से ही होती है. एक अक्टूबर तक भारतीय रेल को 12,311 वैगन (रेल डब्बे) के ऑर्डर में से सिर्फ 2,717 वैगन ही मिल पाए थे. 10 प्रमुख निजी कंपनियों को ये ऑर्डर अप्रैल में ही दिए गए थे.
दो फीसदी जुर्माना लगेगा
विनिर्माताओं की ओर से मार्च 2019 तक 9,594 वैगन की आपूर्ति होने की उम्मीद है. इनमें से प्रत्येक की कीमत 25 लाख रुपये है. वैगन की आपूर्ति की रफ्तार मंद होने पर चिंता जाहिर करते हुए रेलवे ने वैगन विनिर्मिाताओं से कहा है कि आपूर्ति नहीं बढ़ाने की सूरत में उनको ऑर्डर के मूल्य का दो फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा.
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इस्पात की कीमत 25% तक बढ़ी
उद्योग सूत्रों के अनुसार, कार्यशील पूंजी का अभाव और रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्डस ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) से मान्यता प्राप्त वेंडर के पास बोगी, कॉप्लर, ड्रॉपगीयर, एयरब्रेक सिस्टम की अनुपलब्धता की समस्याएं वैगन की आपूर्ति में बाधक बनी हुई हैं. इस्पात की कीमत हाल के दिनों में 20 से 25 फीसदी बढ़ गई है. इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भी मसला है. वैगन पर पांच फीसदी जीएसटी लागू है, जबकि कच्चे माल पर 18 फीसदी.
रेलवे ने दिए नए ऑर्डर
उद्योग के सूत्रों ने बताया कि इस मसले के समाधान के लिए वित्त मंत्रालय के पास जाने की योजना है. इस बीच, रेलवे ने आगे 5,600 करोड़ की लागत से 21,758 वैगन खरीदने के लिए प्रतिगामी बोली की प्रक्रिया का विकल्प अपनाने का फैसला लिया है.
06:20 PM IST