भारतीय रेलवे जल्द लाएगी' Give it up' का ऑप्शन, बिना सब्सिडी खरीद सकेंगे ट्रेन टिकट
अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं और चाहते हैं कि सरकारी द्वारा दी जाने वाले सब्सिडी अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे, तो आपके लिए अच्छी खबर है.
रेलवे 100 दिन के एक्शन प्लान के तहत 11 बेहद महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर काम कर रहा है (फोटो- पीटीआई)
रेलवे 100 दिन के एक्शन प्लान के तहत 11 बेहद महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर काम कर रहा है (फोटो- पीटीआई)
अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं और चाहते हैं कि सरकारी द्वारा दी जाने वाले सब्सिडी अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे, तो आपके लिए अच्छी खबर है. भारतीय रेलवे आम यात्रियों को बिना सब्सिडी के रेल टिकट खरीदने का विकल्प देने की तैयारी कर रही है. अभी रेलवे यात्रा काफी सस्ती पड़ती है क्योंकि यात्रा का करीब आधा खर्च रेलवे द्वारा उठाया जाता है. सस्ती रेल यात्रा के लिए सब्सिडी देने के चलते रेलवे को हर साल करीब 35000 करोड़ रुपये की चपत लगती है. रेलवे की ताजा योजना के तहत यात्रियों को 'गिव इट अप' या सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दिया जाएगा.
रेलवे के 100 दिन के एक्शन प्लान के 11 बेहद महत्वपूर्ण प्रस्तावों में ये प्रस्ताव भी शामिल है. पिछली मोदी सरकार में जिस तरह उज्ज्वला योजना के तहत स्वैच्छिक आधार पर सब्सिडी छोड़ने की पहल शुरू की गई थी, वैसा ही इस बार रेलवे टिकट के लिए किया जाएगा. उज्ज्वल योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सक्षम लोगों ने अपील की थी कि वे अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दें, ताकि उनकी जगह पर गरीब लोगों को ये सब्सिडी दी जा सके.
रेलवे एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रहा है जहां लंबी दूरी के टिकट बुक करने वाले लोगों के पास दो विकल्प होंगे- 'सब्सिडी के बिना टिकट खरीदें' और 'सब्सिडी वाला टिकट खरीदें'. दूसरा विकल्प अपनाने वालों को टिकट की ज्यादा कीमत चुकानी होगी. एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया, 'हम सभी यात्रियों को एक तरफ से हर साल 35000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रहे हैं. 'Give It Up' योजना के तहत इसे कम किया जा सकता है.' ये सब्सिडी वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, कैंसर पेसेंट, सैनिकों और अन्य लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी के अलावा है.
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रेल मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्त संस्था सेंटर ऑफ रेलवे इनफॉरमेशन सिस्टम्स (CRIS) ने आईआरसीटीसी (IRCTC) से कहा है कि वह सॉफ्टवेयर में बदलाव कर अपनी टिकटिंग वेबसाइट में 'बिना सब्सिडी' का विकल्प जोड़े. इस बीच डिजिटल और परंपरागत मीडिया प्लेटफार्म पर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.
मुंबई रेल विकार निगम के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पीसी सहगल ने डीएनए को बताया, 'लोग आमतौर पर छूट को वापस नहीं करते हैं. रेलवे को किराया बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, जो लंबे समय से नहीं बढ़ाया गया है. परिचालन लागत निकालने और रेलवे की विभिन्न आधुनिकीकरण परियोजनाओं के लिए कीमतों की समीक्षा जरूरी है.' विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे को सब्सिडी छोड़न वाले यात्रियों को कुछ बेहतर सुविधाएं, कुछ वरीयताएं या कैशबैक देना होगा.
04:21 PM IST