शिमला जाते समय आप देख सकेंगे कई और ऐतिहासिक धरोहरें, रेलवे करेंगे संरक्षित
पुरानी धरोहर को याद दिलाने वाला कालका-शिमला रेलमार्ग के परिचालन में सालाना करीब 70 करोड़ रुपये का घाटा उठा रही भारतीय रेल इसकी विरासत का लाभ उठाकर इस मार्ग पर कमाई बढ़ाने की तैयारी कर रही है.
शिमला रूट पर यात्रा के दौरान देख सकेंगे कई धरोहरें (फाइल फोटो)
शिमला रूट पर यात्रा के दौरान देख सकेंगे कई धरोहरें (फाइल फोटो)
पुरानी धरोहर को याद दिलाने वाला कालका-शिमला रेलमार्ग के परिचालन में सालाना करीब 70 करोड़ रुपये का घाटा उठा रही भारतीय रेल इसकी विरासत का लाभ उठाकर इस मार्ग पर कमाई बढ़ाने की तैयारी कर रही है. भारतीय रेल ने इसके लिये मार्ग में आने वाली उन हर चीजों का संरक्षण करने की योजना तैयार की है जो इस मार्ग की सुदर धरोहरों की दृष्टि से प्रासंगिक हैं. बारोघ स्टेशन पर 1903 की बनी ड्योढ़ी और गुम्मन स्अेशन पर खड़ा 100 साल का वटवृक्ष जैसी कई चीजें इस मार्ग की विरासत का हिस्सा है.
संरक्षित की जाएंगी धरोहरें
अंबाला रेलवे मंडल के प्रबंधक डी.सी.शर्मा ने कहा, ‘‘हम हर उस चीज को सहेजने और सुरक्षित रखने के उपाय कर रहे जो इस मार्ग की धरोहर के हिसाब से प्रासंगिक है. इस मार्ग में सालाना 500 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने की क्षमता है इसके बाद भी हम घाटे में जा रहे हैं, यह राष्ट्र का नुकसान है.’’
यूनेस्को ने दिया है विरासत का दर्जा
यूनेस्को ने इस रेल मार्ग को विरासत का दर्जा दिया हुआ है. सूत्रों के अनुसार भारतीय रेल इस मार्ग पर सालाना 80 करोड़ रुपये खर्च करती है जबकि उसे महज सात करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. शर्मा ने कहा कि रेलवे अपनी विरासत को बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश कर रही है. वह पांच दिसंबर को इस सिलसिले में भारतीय यात्रा परिचालक संगठनों के सदस्यों के साथ बैठक करने वाले हैं जिससे कि उन्हें इस बात के लिये तैयार किया जा सके कि वे अपने यात्रा पैकेजों में विरासत रेलमार्ग को भी शामिल करें.
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शिमला रूट पर मिलेंगे चार्टर डिब्बे
शर्मा ने कहा, ‘‘हम चार्टर के लिये अपने डिब्बे देना चाहते हैं और जरूरत पड़ने पर खान-पान की सुविधा भी दे सकते हैं. हमारी योजना होटलों, बैंकों और कंपनियों से भी बातचीत करने की है ताकि वे अपने कार्यक्रमों के लिए हमारे डिब्बों का इस्तेमाल कर सकें. हम मार्ग का सौंदर्यीकरण भी कर रहे हैं और हमने मार्ग के किनारे 40 हजार पेड़ भी लगाये हैं ताकि कालका से निकलते ही यात्रियों को हरा-भरा नजारा देखने को मिल सके.’’
09:17 AM IST