ट्रेन से टकराकर नहीं जाएगी हाथियों की जान, रेलवे का 'गजराज' एक्सीडेंट के पहले करेगा सावधान
Gajraj software: ट्रेनों की हाथियों से टक्कर रोकने के लिए रेलवे ने एक AI बेस्ड टेक्नोलॉजी गजराज सॉफ्टवेयर को लॉन्च किया है.
(Source: PTI)
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Gajraj software: रेलवे ट्रैक पर कई बार जंगली जानवर ट्रेनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन साल में 45 हाथियों की जान चली गई है. इन घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी एक टेक्नोलॉजी को डेवलप किया है, जो रेलवे ट्रैक के आस-पास किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों को ट्रैक कर लोको-पायलट को इसे लेकर अलर्ट करेगा. रेलवे ने इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का इस्तेमाल कर 'गजराज' नाम का एक स्वदेशी सॉफ्टवेयर विकसित किया है. ये ट्रेनों को हाथियों के टक्कर से बचाएगा.
181 करोड़ की लागत
रेल मंत्री ने बताया कि इस गजराज सॉफ्टवेयर डिवाइस को असम में टेस्ट भी किया है, जो कि सफल रहा. उन्होंने कहा कि अगले 8 महीने में देश के अलग-अलग राज्यों में फैले करीब 700 किलोमीटर एलिफेंट कॉरिडोर में इसे लगाया जाएगा. वैष्णव ने बताया कि 700 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में गजराज सॉफ्टवेयर को लगाने में करीब 181 करोड़ रुपये तक की लागत आने का अनुमान है.
वैष्णव ने कहा कि ये एआई-संचालित सॉफ्टवेयर डिवाइस पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, असम, केरल और छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में स्थापित किए जाएंगे.
कैसे काम करता है गजराज सॉफ्टवेयर?
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रेलमंत्री ने बताया कि ये गजराज सॉफ्टवेयर एक AI बेस्ट टेक्नोलॉजी है, जो रेलवे की पटरियों से 200 मीटर की दूरी से किसी भी संदिग्ध ट्रैफिक का पता चलने पर अलर्ट जारी करता है. जब रेलवे ट्रैक पर या उसके किनारे हाथियों की आवाजाही होती है, तो इससे कंपन पैदा होती है.
ट्रैक पर लगे OFC में इससे हलचल पैदा होती है, जो किसी संदिग्ध गड़बड़ी का संकेत देती है.
उन्होंने बताया कि इस डिवाइस का सॉफ्टवेयर सटीक रूप से बता सकता है कि यह हरकत हाथी की है या किसी और जानवर या इंसान की. रेलमंत्री ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर लोको पायलट को ये भी बता सकता है कि यह संदिग्ध हलचल कितनी दूर है. गजराज सॉफ्टवेयर रेलवे को किसी साइट पर मौजूद जानवरों की संख्या भी बता सकता है. गजराज ये अलर्ट लोको पायलट, कंट्रोल रूम और स्टेशन मास्टर को किसी भी संदिग्ध परिस्थिती में भेजता है.
तीन साल में गई 45 हाथियों की जान
पिछले साल जुलाई में संसद में साझा किए गए रेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन वर्षों में ट्रेन दुर्घटनाओं में 45 हाथियों की मौत हो गई है. सोमवार को पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के राजाभाट खावा में एक मालगाड़ी से टक्कर के बाद एक बछड़े सहित तीन हाथियों की मौत हो गई. तीन हाथियों, एक मां और उसके दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई. इसी साल अगस्त में पश्चिम बंगाल में एक गर्भवती हथिनी की ट्रेन से टक्कर के बाद मौत हो गई थी.
03:59 PM IST