PPF, NSC, सुकन्या जैसी स्कीम में पैसा लगाते हैं तो पढ़िए आपके लिए आई सबसे बड़ी खबर
गर आप भी स्मॉल सेविंग स्कीम्स में निवेश करते हैं तो ध्यान दीजिए. सरकार अगले महीने से इन स्कीम्स की ब्याज दरों में बड़ा बदलाव करने जा रही है.
सरकार ने फिलहाल छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करने से दूरी बनाए रखी.
सरकार ने फिलहाल छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करने से दूरी बनाए रखी.
बजट में टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स भरने के लिए दो व्यवस्था देने के बाद अब सरकार का अगला कदम छोटी बचत योजनाओं के लिए हो सकता है. अगर आप भी स्मॉल सेविंग स्कीम्स में निवेश करते हैं तो ध्यान दीजिए. सरकार अगले महीने से इन स्कीम्स की ब्याज दरों में बड़ा बदलाव करने जा रही है. आर्थिक मामलों के सचिव ने इसका इशारा दिया है. उनका कहना है कि सरकार जल्द ही PPF, NSC, सुकन्या समृद्धि जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों को संशोधित कर सकती है.
बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाई जा सकती हैं ब्याज दरें
आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही में स्मॉल सेविंग की ब्याज दरों में संशोधन के संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाया जा सकता है. इससे नीतिगत दरों के लाभ को तेजी से आम लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलने की संभावना है. बैंक डिपॉजिट दरों में नरमी के बावजूद मौजूदा तिमाही में सरकार ने लोक भविष्य निधि कोष (PPF) और राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करने से दूरी बनाए रखी.
12 लाख करोड़ रुपए का स्मॉल सेविंग स्कीम का डिपॉजिट
चक्रवर्ती ने पीटीआई से कहा, देश में हमारे पास फिलहाल में लगभग 12 लाख करोड़ रुपए स्मॉल सेविंग स्कीम और करीब 114 लाख करोड़ रुपए बैंक डिपॉजिट के रूप में हैं. इससे बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपए से प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल वैसी स्थिति है जब कोई कमजोर इंसान किसी ज्यादा शक्तिशाली व्यक्ति को नियंत्रित करने लगे. कमोबेश लघु बचतों की ब्याज दर का कुछ जुड़ा बाजार दरों से होना चाहिए जो बड़े स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से प्रभावित होती हैं.
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बैंक डिपॉजिट और स्मॉल सेविंग की दरों के बीच का अंतर खत्म करने की कोशिश
चक्रवर्ती के मुताबिक, श्यामला गोपीनाथ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन ब्याज दरों को बाजार दरों से जोड़ने का काम चल रहा है. इस तिमाही के लिए ब्याज दरों का इंतजार कीजिए, यह आपको लगभग-लगभग अच्छे संकेत देगा. उन्होंने कहा कि अभी कुछ सांकेतिक मुद्दे हैं जिन पर काम किया जा रहा है. बैंकों का कहना है कि छोटी बचतों पर ऊंचे ब्याज से उन्हें अपनी जमा ब्याज दरों में कटौती करने में दिक्कत आ रही है. एक साल की परिपक्वता अवधि के लिए बैंकों की जमा ब्याज दर और छोटी बचत दरों में करीब एक प्रतिशत का अंतर है. उन्होंने कहा कि भले सरकार लघु बचत योजनाओं पर निर्भर नहीं है, लेकिन सरकार का इन योजनाओं को समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि लोग इसका इस्तेमाल करते हैं.
स्मॉल सेविंग पर अभी कितना ब्याज
- नेशनल सेविंग्स रेकरिंग डिपॉटिज अकाउंट (National Savings Recurring Deposit Account): 7.2%
- नेशनल सेविंग्स मंथली इनकम अकाउंट (Monthly Income Scheme Account): 7.6%
- किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra): 7.6%
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund): 7.9%
- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (National Savings Certificate): 7.9%
- सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme): 8.4%
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizens Savings Scheme): 8.6%
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राजकोषीय घाटे का लक्ष्य बढ़ाने की स्थिति में सरकार के बाजार से अतिरिक्त धन जुटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस साल सरकार बाजार से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं उठाएगी और ना ही सरकार की घाटे का मौद्रीकरण करने की कोई योजना है. गौरतलब है कि राजस्व संग्रह में कमी के चलते सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.8 प्रतिशत होने का अनुमान जताया है. यह बजट अनुमान 3.3 प्रतिशत से अधिक है.
04:11 PM IST