NPS Scheme: एक्ट्रा टैक्स सेविंग का बेहतर ऑप्शन, क्या कहते हैं इनकम टैक्स के नियम
NPS tax saving: एनपीएस में कंट्रीब्यूशन के अंतर्गत सैलरीड इम्प्लॉई को 50,000 रुपये तक एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग का ऑप्शन मिलता है.
(Representational)
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NPS tax saving: रिटायरमेंट के बाद का जीवन बिना किसी टेंशन गुजरे, इसके लिए जरूरी है कि आपके पास रेग्युलर इनकम बनी रहे. रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (Nation pension System) एक बेस्ट ऑप्शन है. इसमें रेग्युलर निवेश के जरिए करोड़ों का फंड बनाया जा सकता है. वहीं, 60 साल की उम्र में बाद जीवन भर पेंशन मिलेगी. NPS का एक और बेनेफिट यह भी है कि यह टैक्स सेविंग के लिए एक बेस्ट ऑप्शन है. इसमें आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये तक के निवेश पर एक्स्ट्रा टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं.
NPS सरकारी व प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) की निवेश स्कीम है. इसमें जॉब दौरान निवेश करने पर व्यक्ति को 60 साल की उम्र पर एकमुश्त रिटायरमेंट फंड और बाद में एन्युटी बेनिफिट उपलब्ध होता है. एन्युटी बेनेफिट से रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिलती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD के अंतर्गत NPS अकाउंट पर टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है.
NPS: कैसे, कितनी टैक्स छूट
सेक्शन 80CCD के सब सेक्शन 80CCD (1) के अंतर्गत इस पेंशन स्कीम में डिपॉजिट पर टैक्स छूट दिलाता है. सैलरीड इम्प्लॉई अपनी सैलरी का 10 फीसदी तक और सेल्फ इंप्लॉयड व्यक्ति अपनी कुल आय का 20 फीसदी तक पेंशन अकाउंट में जमा कर छूट पा सकता है, जो मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये है. इसके अलावा एक अन्य सब सेक्शन 80CCD (1B) भी है, जिसके तहत सैलरीड इम्प्लॉई और सेल्फ इंप्लॉयड व्यक्ति दोनों अपनी तरफ से NPS अकाउंट में डिपॉजिट कर एडिशनल 50,000 रुपये तक टैक्स छूट का लाभ ले सकता है. इस तरह इम्प्लॉई एनपीएस में निवेश पर 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट का फायदा ले सकता है.
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एंप्लॉयर के कंट्रीब्यूशन पर भी टैक्स छूट
NPS अकाउंट में एंप्लॉयर की तरफ से कंट्रीब्यूशन पर सब सेक्शन 80CCD (2) के अंतर्गत टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है. इसमें निवेश की मैक्सिमम लिमिट इम्प्लॉई की सैलरी का 10% होता है. इसकी कोई मॉनेटरी लिमिट नहीं है.
बता दें, NPS में 18 से 60 साल की उम्र के बीच का कोई भी सैलरीड व्यक्ति शामिल हो सकता है. पहले यह सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए था, लेकिन 2009 से प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के लिए स्कीम खोल दी गई. किसी भी नजदीकी बैंक ब्रांच में जाकर अकाउंट खुलवाया जा सकता है.
NPS: खुलते हैं दो अकाउंट
NPS स्कीम में दो तरह के अकाउंट Tier-I और Tier-II खुलते हैं. Tier-I एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है, जिसे हर सरकारी कर्मचारी के लिए खुलवाना अनिवार्य है. वहीं, Tier-II एक वॉलेंटरी अकाउंट होता है, जिसमें कोई भी इम्प्लॉई अपनी तरफ से इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकता है और कभी भी पैसे निकाल सकता है.
11:02 AM IST