सुरक्षित निवेश के लिए SIP चुनें, लंबे समय पर मिलेगा शानदार रिटर्न
इक्विटी म्युच्यूअल फंड में निवेश करते समय समय का ध्यान रखें, क्योंकि यहां एक साल के अंदर कोई रिटर्न नहीं मिलता है. कभी भी पुराना ट्रैक रिकॉर्ड देखकर निवेश नहीं करना चाहिए.
एसआईपी का यह फायदा होता है कि इसमें नुकसान को कम करने में मदद मिलती है. निवेशक को एकमुश्त बड़ी रकम पर रिस्क नहीं लेना पड़ता. (Photo: Pixabay)
एसआईपी का यह फायदा होता है कि इसमें नुकसान को कम करने में मदद मिलती है. निवेशक को एकमुश्त बड़ी रकम पर रिस्क नहीं लेना पड़ता. (Photo: Pixabay)
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना हमेशा सिक्योर इंवेस्टमेंट माना जाता है. लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान भी क्या ये फंड्स सिक्योर होते हैं? बहुत से लोग म्यूचुअल फंड में सिप यानी सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान के तहत निवेश करते हैं. उनके बैंक खाते से हर महीने एक तय रकम कटकर सिप के जरीए म्यूचुअल फंड में निवेश होती रहती है. सवाल यह भी आता है कि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त या फिर सिप के जरिए निवेश करना फायदेमंद होता है. कई बार हालात ये होते हैं कि सिप के दौरान सही रिटर्न नहीं मिलने पर निवेशक उलझन में रहता है कि वह अपने निवेश को आगे जारी रखे या फिर रोक दे.
इस तरह के तमाम उलझनों को दूर करने के लिए ज़ी बिजनेस ने JRL Money के को-फाउंडर विजय मंत्री से बातचीत की.
विजय मंत्री के मुताबिक, यह सही है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने में रिस्क कम रहता है. लेकिन इसमें निवेशक को धैर्य की जरूरत होती है. खासकर
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए समय का ध्यान जरूर रखें, क्योंकि यहां एक साल के अंदर कोई रिटर्न नहीं मिलता है. कभी भी कंपनी का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड देखकर निवेश नहीं करना चाहिए. कई म्यूचुअल फंड ने शुरू के 4-5 साल तक काफी नगेटिव रिटर्न दिया है.
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SIP से दूर रहें या लगाएं पैसा? जानिए #SIPSahiHai में अनिल सिंघवी और JRL मनी के को-फाउंडर विजय मंत्री से..
— Zee Business (@ZeeBusiness) August 11, 2019
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एसआईपी में 5-7 साल से ज्यादा निवेश करने पर ही सही रिटर्न आता है. निवेशक 5 साल के इंवेस्टमेंट में आमतौर पर नुकसान में नहीं रहेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें अलग-अलग जगह निवेश करना होगा.
विजय मंत्री बताते हैं कि एसआईपी का यह फायदा होता है कि इसमें नुकसान को कम करने में मदद मिलती है. निवेशक को एकमुश्त बड़ी रकम पर रिस्क नहीं लेना पड़ता. एसआईपी से अच्छे रिटर्न मिलना तय होता है, लेकिन कम से कम 7 साल का निवेश करके चलना चाहिए.
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एसआईपी निवेशक के लिए खराब मार्केट इंवेस्टमेंट का एक अच्छा मौका होता है. इसलिए कहीं और निवेश करने के मुकाबले एसआईपी में अच्छा रिटर्न मिलता है.
एसआईपी के फायदे
- एसआईपी में निवेश के लिए आपके बैंक खाते से हर महीने एक तय तारीख को पैसा कट जाता है. इसलिए आपको अलग से सोचने की जरूरत नहीं पड़ती.
- एसआईपी के लिए कट रहे पैसे में आप कभी भी कटौती या इजाफा कर सकते हैं. जरूरत पड़ने पर आप अपना पैसा निकाल भी सकते हैं.
- एसआईपी में आप 500 रुपये से लेकर निवेश शुरू कर सकते हैं. अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.
- खास बात ये है कि आप जब चाहें एसआईपी को बंद कर सकते हैं. इस पर कोई पेनल्टी नहीं लगती है.
- एसआईपी में निवेश करते समय आपको हर महीने स्टेटमेंट मिलती है. इससे आपको अपने निवेश की वैल्यू का पता चलता रहता है. आप चाहें तो अपने निवेश की कीमत के बारे में रोजना जानकारी हासिल कर सकते हैं.
12:00 PM IST