Health Policy Portability: मोबाइल सिम की तरह अपनी हेल्थ पॉलिसी को भी कर सकते हैं पोर्ट, जानिए प्रोसेस
अगर आपने पहले से कोई हेल्थ पॉलिसी ले रखी है और आप इसकी सर्विस से संतुष्ट नहीं हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. अपनी मोबाइल सिम की तरह आप हेल्थ पॉलिसी को भी आसानी से पोर्ट करवा सकते हैं.
अपने भविष्य को सुरक्षित करने से पहले अपने जीवन को सुरक्षित करना जरूरी है. यही कारण है कि ज्यादातर एक्सपर्ट कहते हैं कि आपको निवेश के साथ हेल्थ पॉलिसी भी जरूर लेनी चाहिए. कोविड के दौर ने हेल्थ पॉलिसी की जरूरत को और भी अच्छी तरह से समझा दिया है. अगर आपने पहले से कोई हेल्थ पॉलिसी ले रखी है और आप इसकी सर्विस से संतुष्ट नहीं हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. अपनी मोबाइल सिम की तरह आप हेल्थ पॉलिसी को भी आसानी से पोर्ट करवा सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है हेल्थ पॉलिसी को पोर्ट करवाने का तरीका.
45-60 दिन पहले करें अप्लाई
आपको अपनी पुरानी कंपनी को बदलकर जिस कंपनी में अब हेल्थ इंश्योरेंस लेना है, पहले उसके बारे में अच्छी तरह से पता कर लें, इसके बाद ही उसका चुनाव करें, ताकि बार-बार कंपनी बदलने की नौबत न आए. इसके अलावा पॉलिसी एक्सपायर होने के 45-60 दिन पहले आपको पोर्ट के लिए अप्लाई करना होगा. ये आप खुद से भी कर सकते हैं या किसी फाइनेंशियल प्लानर से भी करवा सकते हैं.
इन फॉर्म को भरना होगा
नई कंपनी चुनने के बाद एप्लीकेशन फॉर्म भरें. इसके बाद नई कंपनी आपको पोर्टिबिलिटी और प्रपोजल फॉर्म भेजेगी, जिसके बाद आप इन दोनों फॉर्म को भरेंगे. इस फॉर्म में आपको अपनी निजी जानकारी और पिछली इंश्योरेंस कंपनी की जानकारी देनी होगी. पॉलिसी खरीदने के बाद 30 दिन का वेटिंग पीरियड, पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड, किसी खास बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड और पुरानी पॉलिसी का नो क्लेम बोनस (No Claim Bonus) भी नई पॉलिसी में ट्रांसफर किया जा सकता है.
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
पॉलिसी को पोर्ट करवाते समय आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत होती है. इसमें हेल्थ इंश्योरेंस को रिन्यू करने से संबंधित नोटिस या पिछले साल का पॉलिसी शेड्यूल, नो क्लेम बोनस क्लेम करना है तो एक घोषणापत्र, कोई क्लेम किया है तो डिस्चार्ज समरी, जांच और फॉलो-अप रिपोर्ट, पिछली मेडिकल हिस्ट्री, रिपोर्ट और कॉपी आदि शामिल हैं.
इस बात को रखें ध्यान
पॉलिसी को पोर्ट कराने से पहले आपको एक बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि आप सिर्फ वही पॉलिसी पोर्ट करवा सकते हैं, जो रेगुलर हों. अगर कोई हेल्थ पॉलिसी किसी कारणवश बीच में ही रोक दी गई है तो आप इसे किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट नहीं करा सकते.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
02:59 PM IST