फसल बीमा दावों की जानकारी अब स्थानीय भाषा में भी, इरडा ने कंपनियों को जारी किया फरमान
Crop insurance:इरडा ने कहा कि साधारण बीमा कंपनियों को किसानों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषाओं में फसल बीमा दावों के बारे में विवरण देना होगा.
बीमा कंपनियों को व्यक्तियों के नुकसान के आकलन के सभी अनुरोधों को दर्ज करने के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करनी चाहिए. (फोटो साभार - रॉयटर्स)
बीमा कंपनियों को व्यक्तियों के नुकसान के आकलन के सभी अनुरोधों को दर्ज करने के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करनी चाहिए. (फोटो साभार - रॉयटर्स)
बीमा नियामक आईआरडीएआई ने कहा है कि साधारण बीमा कंपनियों को किसानों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषाओं में फसल बीमा दावों के बारे में विवरण देना होगा. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा कि उसे फसल बीमा दावों के संबंध में विभिन्न शिकायतें और सुझाव प्राप्त हो रहे थे. नियामक ने एक परिपत्र में कहा कि फसल बीमा योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन किये जाने की आवश्यकता है.
इरडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को व्यक्तियों के नुकसान के आकलन के सभी अनुरोधों को दर्ज करने के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, और अगर एक व्यक्तिगत नुकसान का मूल्यांकन खारिज कर दिया जाता है, तो इस कारण का उल्लेख करने वाले लिखित अस्वीकृति पत्र बीमाधारक को भेजा जाना चाहिए. नियामक ने कहा, ‘‘बीमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कॉल सेंटर/टोल-फ्री नंबर पर प्रतिक्रियाएं हिंदी और अंग्रेजी के अलावा राज्य की आधिकारिक भाषा में उपलब्ध हो.
बीमा कंपनियों के वेबसाइट्स पर किसानों के हित के लिए स्थानीय भाषा में फसल बीमा संबंधी विवरण का खुलासा करना चाहिए.’’ इसने आगे कहा है कि बाकी चीजों के अलावा किसानों को योजना के दिशा-निर्देशों, दावा निपटान प्रक्रिया और शिकायत निवारण प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने के लिए व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए.
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08:37 PM IST