INCOME TAX: नकद में उधार दे रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, चुकाना पड़ सकता है भारी भरकम जुर्माना
किसी भी व्यक्ति द्वारा लोन या डिपॉजिट के रूप में अन्य व्यक्ति को 20,000 रुपए से अधिक पैसा ना ही देना चाहिए, ना ही लेना चाहिए.
इनकम टैक्स सेक्शन 269SS
इनकम टैक्स सेक्शन 269SS
कोरोना के समय लोगों को कई बार आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा. ऐसे में लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद के लिए आर्थिक सहायता नकदी में कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकम टैक्स के सेक्शन 269SS के तहत टैक्सपेयर को 20,000 रुपए से ज्यादा की रकम कैश में कर्ज देना या लेना दोनों ही अपराध हैं.
धारा 269SS और धारा-271 D
आयकर कानून-1961 की धारा-269SS के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को अपने खाते में अन्य व्यक्ति से कुल 20,000 रुपए से ज्यादा नकद जमा या लोन के रूप में लेना मना है. इसके लिए केवल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर किया जाना चाहिए. वहीं कानून की धारा 271D के मुताबिक, सेक्शन 269SS का उल्लंघन करना दंडनीय अपराध है.
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इनकम टैक्स पर भी पड़ता है असर
जब आप किसी संबंधी या फिर मित्र को पैसे उधर देते हैं, तब उनके द्वारा लौटाया गया अमाउंट ज्यादा होने की दशा में बैंक आपसे सवाल पूछ सकता है. और भी अन्य किसी विवाद से बचने के लिए आप लोन अग्रीमेंट तैयार करवा सकते हैं. जिस पर लोन अमाउंट, वापसी की तारीख और बाकि सभी शर्तों के साथ आपकी डिटेल्स होना चाहिए. इस तरह भविष्य में आप आसानी से बैंक को जानकारी दे सकते हैं.
लोन देने से पहले खास बातों का रखें ख्याल
1. सिर्फ उतना ही पैसा उधार दें जितना आपकी लिमिट हो. अपनी लिमिट से ज्यादा पैसा उधार देना आपको भारी पड़ सकता है.
2. उचित कारणों पर ही उधार दें, वैलिड रीजन ना होने पर उधार ना दें.
3. एक सादा कागज पर सिग्नेचर आदि करवा कर कभी भी उधर ना दें.
4. रिश्तेदारों और दोस्तों की पैसा वापिस करने की क्षमता के आधार पर ही उधार दें.
07:25 PM IST